रामपुर की शान! जामा मस्जिद में छुपी नवाबों की धरोहर, सुनहरे गुंबद से लेकर दुनिया की अनोखी घड़ी तक सबकुछ खास

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रामपुर की जामा मस्जिद में झलकती है नवाबी विरासत, जहां का हर कोना है बेमिसाल!

Last Updated:July 07, 2025, 22:33 ISTRampur Jama Masjid: रामपुर की जामा मस्जिद ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटक आकर्षण का केंद्र है. नवाब फैजुल्ला खां ने इसकी नींव रखी थी. मस्जिद में 120 दुकानें हैं, जिनसे मिलने वाला किराया रखरखाव में खर्च होता है.हाइलाइट्सरामपुर की जामा मस्जिद यूपी की सबसे खूबसूरत मस्जिद है.विदेशी भी देखने आते हैं रामपुर की नवाबी शान.मस्जिद में 120 दुकानें हैं, जिनसे मिलने वाला किराया रखरखाव में खर्च होता है.रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में मौजूद जामा मस्जिद न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि शहर की पहचान, ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटक आकर्षण का बड़ा केंद्र भी बन चुकी है. दिल्ली की जामा मस्जिद से मिलती-जुलती यह शानदार मस्जिद अपनी खूबसूरती, भव्य निर्माण और ऐतिहासिक महत्व के कारण दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों और इतिहास के शौकीनों को आकर्षित करती है.

शाम के समय जब इस मस्जिद की ऊंची मीनारें रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाती हैं, तो यह नजारा देखने के लिए लोग दूर-दराज से यहां पहुंचते हैं. इसकी खूबसूरती को देखने वाले मानते हैं कि यह मस्जिद सिर्फ इबादत की जगह नहीं, बल्कि रामपुर की विरासत और ऐतिहासिक संपत्ति है.

हर दिन हजारों लोग करते हैं नमाज अदा
रामपुर के मुसलमानों के लिए यह सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. यहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचते हैं, जबकि त्योहारों पर यह संख्या 10 हजार से भी अधिक हो जाती है. लेकिन बीते कुछ सालों में यह मस्जिद धार्मिक आस्था के साथ-साथ शहर का बड़ा टूरिस्ट प्लेस भी बन गई है. मस्जिद के आंगन में खड़े होकर ऊपर देखने पर तीन बड़े-बड़े गुंबद और चार ऊंची मीनारें दिखाई देती हैं, जिनके शिखर पर सोने की परत चढ़ी है. यह परत कई साल पुरानी है, लेकिन आज भी इसकी चमक कम नहीं हुई है.

नवाबों ने दी शानदार पहचानजामा मस्जिद महासचिव मुक्करम रजा के मुताबिक, इस मस्जिद की नींव रामपुर के पहले नवाब फैजुल्ला खां ने रखी थी. इसके बाद 1869 में उनके परपोते नवाब कल्बे अली खान ने इसे भव्य रूप दिया. आगे 1913 में नवाब हामिद अली खान ने इसे और बड़ा और सुंदर बनवाया. मस्जिद में इस्तेमाल हुआ संगमरमर, बेल्जियम का ग्लास और प्राचीन वास्तुकला इसे खास पहचान देते हैं. इस मस्जिद की घड़ी भी खास चर्चा में रहती है. कहा जाता है कि यह घड़ी 1860 के आसपास इंग्लैंड के प्रिंस ने नवाब कल्बे अली खान के पिता को तोहफे में दी थी. ऐसी घड़ी पूरी दुनिया में सिर्फ दो जगह ही देखने को मिलती है.

मस्जिद में बनी हैं 120 दुकानेंइस मस्जिद परिसर में 120 दुकानें भी बनी हुई हैं, जिनसे मिलने वाला किराया मस्जिद के रखरखाव में खर्च किया जाता है. इस कारण मस्जिद खुद को संवारने और संरक्षित रखने में सक्षम है. आज जामा मस्जिद सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रामपुर जिले का गौरव और प्रमुख आकर्षण बन चुकी है. अगर आप कभी रामपुर जाएं, तो इस शानदार मस्जिद को देखना न भूलें.Location :Rampur,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshरामपुर की जामा मस्जिद में झलकती है नवाबी विरासत, जहां का हर कोना है बेमिसाल!

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