हाइलाइट्सआज 22 जनवरी 2024 की तारीख सनातन धर्म और भारत के लिए ऐतिहासिक है.दशम और एकादश भाव के स्वामी शनि 11वें भाव में विराजमान हैं. यह ख्याति और पारिजात योग कहलाता है.आज 22 जनवरी 2024 की तारीख सनातन धर्म और भारत के लिए ऐतिहासिक है. आज का दिन अत्यंत शुभ है क्योंकि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय में पारिजात समेत 15 से अधिक योगों का निर्माण हो रहा है. जिस समय अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस समय दोपहर 12:30 का समय है और मेष लग्न है. उस समय आकाश में ग्रहों की स्थिति कई शुभ योगों का निर्माण कर रही है.

प्राण प्रतिष्ठा के समय ग्रहों की विशेष स्थितिश्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के समय मेष लग्न है. गुरु दूसरे भाव में, चंद्रमा छठे भाव में, केतु नौवें भाव में, बुध, मंगल और शुक्र दसवें भाव में, सूर्य तथा शनि 11वें भाव में और राहु 12वें भाव में स्थित होगा. ग्रहों की इन स्थिति से कई शुभ योग बन रहे हैं.

15 से अधिक शुभ योगों में होगी प्राण प्रतिष्ठा

1. इंद्र योग: 08:47 एएम से रात तक2. सर्वार्थ सिद्धि योगः 07:14 एएम से कल 04:58 एम तक3. अमृत सिद्धि योगः 07:14 से कल 04:58 एएम तक4. चामर योग5. दीर्घायु योग6. धेनु योग7. काम योग8. शौर्य योग9. तपस्वी योग10. अस्त्र योग11. जलधि योग12. छत्र योग13. ख्याति योग14. पारिजात योग15. भाग्य योग

1. ख्याति और पारिजात योगदशम और एकादश भाव के स्वामी शनि 11वें भाव में विराजमान हैं. यह ख्याति और पारिजात योग कहलाता है. इस योग में व्यक्ति राजकाज में उच्च स्तर की प्रतिष्ठा पाता है. वह धन, सफलता आदि से परिपूर्ण होता है.

2. छत्र योग5वें भाव के राजा सूर्य 10वें भाव में हैं, उनकी वजह से छात्र राजयोग बन रहा है. इस योग का व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है. उसकी निर्णय क्षमता उच्च स्तर की होती है.

3. विदेश यात्रा और भाग्य योग9वें और 12वें भाव के स्वामी गुरु लग्न में मित्र की राशि में विराजमान हैं. इससे भाग्य योग बनता है, जो जातक को भाग्यशाली तथा बुद्धिमान बनाता है. उसमें दया का भाव होता है. उसे विदेश यात्रा का लाभ मिलता है.

4. जलधि योगचतुर्थ भाव के स्वामी चंद्रमा दूसरे भाव में उच्च है. इससे जलधि योग बना है. इससे जातक को सुंदर और भव्य भवन, सुख, संपत्ति और सम्मान प्राप्त होता है.

5. तपस्वी योग, शौर्य योग और अस्त्र योगतीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध 9वें भाव मंगल और शुक्र साथ मिलकर 3 शुभ योग तपस्वी, शौर्य और अस्त्र योग बना रहे हैं. इन यागों के कारण व्यक्ति अत्यंत साहसी, पराक्रमी और शत्रुओं का मर्दन करने वाला होता है.

6. धेनु योग तथा काम योगदूसरे और सातवें भाव का स्वामी शुक्र 9वें भाव में लग्नेश के साथ है. इससे धेनु और काम योग बनता है. इस योग के कारण धन-धान्य प्रचूर मात्रा में होता है. गृहस्थ जीवन में सुख होता है. धन का उपयोग धर्म में होता है.

7. दीर्घायु और चामर योगलग्न और 8वें भाव का स्वामी मंगल 9वें भाव में गुरु की राशि में है. इससे चामर और दीर्घायु योग बन रहे हैं. यह योग धन और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है.
.Tags: Ayodhya ram mandir, Dharma Aastha, Lord Ram, Ram MandirFIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 10:14 IST



Source link