उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जब सपा नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद एटा कारागार से रिहा कर दिया गया है. उनकी रिहाई के बाद सपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और समर्थकों ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया.
जुगेंद्र सिंह यादव की रिहाई के साथ ही सपा को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न केवल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव को बल्कि अलीगंज से तीन बार विधायक रहे सपा के कद्दावर नेता रामेश्वर सिंह यादव को भी जमानत प्रदान की है. यह फैसला सपा कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है.
गिरफ्तारी से रिहाई तक का सफर लगभग डेढ़ साल जेल में बिताने के बाद अब दोनों नेताओं को जमानत मिलने से सपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त ऊर्जा और जोश देखने को मिल रहा है. समर्थकों के बीच सपा नेता जुगेंद्र सिंह यादव की रिहाई को “सत्य की जीत” और “जनता की आवाज़ की बहाली” बताया जा रहा है.
रिहाई के बाद एटा जेल के बाहर माहौल किसी जश्न जैसा था. ढोल-नगाड़ों, नारेबाज़ी और फूल-मालाओं के बीच सपाइयों ने अपने नेताओं का स्वागत किया. समर्थकों ने इस रिहाई को “सत्य की जीत” और “जनता की आवाज़ की बहाली” बताया.
जुगेंद्र सिंह यादव और रामेश्वर सिंह यादव की रिहाई ने एटा की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले चुनावों में सपा का जनाधार मज़बूत होगा और यादव नेताओं की वापसी से पार्टी को स्थानीय स्तर पर बड़ी ताकत मिलेगी. वहीं, विरोधी दलों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है.

