Uttar Pradesh

राम मंदिर ध्वजारोहण : भगवा और तिरंगा से सजेगा घर, पीएम मोदी के स्वागत में उमड़ेगा जनसैलाब

अयोध्या में 25 नवंबर का दिन ऐतिहासिक और स्वर्णिम क्षण लेकर आएगा. इस दिन राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से शामिल होंगे. उनके स्वागत के लिए 501 वाटुक ब्राह्मण स्वस्तिवाचन करेंगे, जबकि संत-महंत शंखनाद और घंट-घड़ियाल की ध्वनि से वातावरण को भक्तिमय बनाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी पहले महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचेंगे, फिर वहां से साकेत महाविद्यालय के लिए प्रस्थान करेंगे. महाविद्यालय से राम जन्मभूमि तक के मार्ग पर 12 स्वागत मंच बनाए गए हैं, जहां पुष्प वर्षा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनका अभिनंदन किया जाएगा।

अयोध्या नगरी को दीपों और रोशनियों से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. हर घर पर दीपमाला जलेगी, तिरंगा और भगवा ध्वज लहराएंगे. मार्ग में भजन, ब्रज लोकधुन, शहनाई, बांसुरी और सितार जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर प्रस्तुति स्वागत को भव्य बनाएगी. साधु-संत, स्थानीय नागरिक, स्कूलों के विद्यार्थी और महिलाएँ कतारबद्ध होकर प्रधानमंत्री का अभिवादन करेंगे।

हर घर पर लगाया जाएगा तिरंगा व भगवा ध्वज. विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन को लेकर पूरे शहर में उत्साह का माहौल है. अयोध्या वासी अपने घरों और दुकानों पर लाइटिंग सजाएंगे, हर घर पर तिरंगा व भगवा ध्वज लगाया जाएगा. जगह-जगह स्वस्तिवाचन का आयोजन होगा और अवधी-संस्कृत के कलाकार प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे।

संजू सिंह के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर उतरेंगे और वहाँ से सड़क मार्ग से राम मंदिर जाएंगे. साकेत महाविद्यालय से गेट नंबर 11 तक मार्ग को विशेष रूप से सजाया जा रहा है. रास्ते में अयोध्यावासी, साधु-संत, महिलाएँ और स्कूलों के छात्र कतारबद्ध होकर प्रधानमंत्री का अभिवादन करेंगे, ताकि इस ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाया जा सके।

शहर में दीपावली जैसा माहौल बनेगा, पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा. राष्ट्रवादी बाल संत दिवाकर आचार्य ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में वैदिक विद्वान और साधु-संत भी शामिल होंगे. पुष्प वर्षा के साथ उनका अभिनंदन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह वह ऐतिहासिक समय होगा, जब प्रधानमंत्री 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद मंदिर पूर्णता का संदेश विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे जो अयोध्या के लिए अत्यंत गर्व की बात है।

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