राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने अयोध्या पहुंचते ही मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की गति की जानकारी ली. समिति ने स्पष्ट किया है कि अक्टूबर महीने से श्रद्धालुओं को अनुशासन के साथ मंदिर परिसर का भ्रमण करने और परिसर में स्थित मठ-मंदिरों के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी.
राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है. 25 नवंबर 2025 को होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं. मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया और संवारा जा रहा है, लक्ष्य है कि अक्टूबर के अंत तक परिसर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हरियाली से ढक जाए.
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने अयोध्या पहुंचते ही मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की गति की जानकारी ली. समिति ने स्पष्ट किया है कि अक्टूबर महीने से श्रद्धालुओं को अनुशासन के साथ मंदिर परिसर का भ्रमण करने और परिसर में स्थित मठ-मंदिरों के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खास तैयारियाँ चल रही हैं. मंदिर परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए चार किलोमीटर से अधिक लंबी सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है, इस पर 25 वॉच टावर स्थापित होंगे, साथ ही अत्याधुनिक सेंसर सिस्टम और निगरानी तंत्र भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि, सुरक्षा कारणों से कुबेर टीला और राम दरबार जैसे संवेदनशील स्थलों पर दर्शनार्थियों की संख्या सीमित रखी जाएगी.
25 नवंबर 2025 को होगा ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह, राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष निर्पेंद्र मिश्रा ने बताया कि हम लोग आशा करते हैं और यह निर्णय पूरी तरह राम मंदिर ट्रस्ट लेगा, लेकिन अक्टूबर के अंत तक श्रद्धालु को यथासंभव सभी स्थानों पर अनुशासन के साथ जाने की अनुमति दे दी जाएगी. जनसंख्या दृष्टि से सभी जगह छूट तो नहीं होगी. कुबेर टीला राम दरबार पर कुछ ही लोग जा सकते हैं, इन स्थानों पर संख्या सीमित होगी. इसके अलावा अक्टूबर तक परिक्रमा की व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी, इसके अलावा इष्ट देवता के भी दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.

