विशाल झा/गाजियाबाद . जम्मू कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार को मुठभेड़ हो गई थी. इसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. मुठभेड़ में 5 जवान के साथ एक अधिकारी सहित चार अन्य  लोग घायल हो गए. सेना के सूत्रों के अनुसार आतंकवादी उसी संगठन से संबंधित है जिसने 20 अप्रैल को सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला किया था. जिसमें कम से कम 5 सैनिक शहीद हो गए थे और एक अन्य जवान घायल हो गया था.

इस घटना को लेकर देशभर में शोक का माहौल है. गाजियाबाद में रहने वाले 83 बुजुर्ग कश्मीरी पंडित ए के राजदान रहते है. कश्मीर में 37 वर्ष उन्होंने बतौर फूड इंस्पेक्टर अपनी सेवाएं दी है. नौकरी के वक़्त कश्मीर के कई जिलों में वो तैनात रहें जिसमें राजौरी भी शामिल है. इस घटना पर भावुक होते हुए ए. के राजदान ने कहा कि मुझे बहुत दुख हुआ जब मैंने सुबह टीवी पर ये न्यूज़ सुनी थी. मेरी रूह रोने लगी है. मैं भी वहां पर ड्यूटी कर चुका हूं और तब हालत बेहद ही तनावपूर्ण हुआ करते थे. मैं अब बेशक बूढा हों गया हूं पर मेरे बच्चों के जरिए भी अगर जवानों को खून चाहिए होगा तो दूंगा.

1990 में करना पड़ा था पलायनए. के राजदान कश्मीरी पंडित है और गांदरबल में रहते थे लेकिन 1990 में उन्हें पलायन करना पड़ा था. इसके बाद उनकी कश्मीर में ही बतौर फूड इंस्पेक्टर तैनाती मिली. इसके बाद प्रॉसिक्यूटर की तरह काम किया और कश्मीर के कई कोर्ट में विभिन्न मुद्दे को सुलझाया. कश्मीर में लंबे समय से काम करने के कारण राजदान वहां की सभी चुनौतियों को भली-भाति समझते थे.

सेना के लिए जारी है सहयोगबुजुर्ग राजदान देश की सेना के लिए सेवानिवृत्त होने के बाद भी गाजियाबाद आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के साथ अपने पेंशन की पैसों से सहयोग करते है. ये संस्था शहीदों के परिवार के लिए कार्य करती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 07, 2023, 18:20 IST



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