धीर राजपूत/फिरोजाबाद. फिरोजाबाद से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित राजा का ताल का इतिहास मुगल कालीन सल्तनत का गवाह रहा है. यहां अकबर के नवरत्नों में से एक राजा टोडरमलने अपनी सेना के लिए ताल को खुदवाया था और इसकी स्थापना की थी. इसके साथ ही यह ताल क्षेत्र के लिए भी अमृत का कार्य करता रहा है.राजा का ताल का पानी लोगों के लिए बहुत उपयोगी हुआ करता था. लेकिन अब यहां की हालत बेहद खराब हो चुकी है औरलोगों ने इस प्राचीन ताल पर अतिक्रमण कर लिया है. इस अतिक्रमण की वजह से ताल को धीरे-धीरे खत्म करते हुए लोगों ने मकान बनाना शुरु कर दिया है.लगभग 1570 ई. में हुई थी ताल की स्थापनाइतिहासकार प्रोफेसर ए बी चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि राजा का ताल अकबर के नवरत्नों में से एक राजा टोडरमलने अपनी सेवा के लिए बनवाया था. राजा टोडरमल भ्रमण के दौरान इसी जगह पर रुके थे और सन 1570 ई के आसपास यहां ताल को खुदवाया गया. वहीं इसी ताल में राजा की सेना अपने घोड़े हाथियों को पानी पिलाता थी और बाद में यह ताल यहां के लोगों के लिए अमृत बनकर निकला. इसके साथ ही यह ताल राजा के ताल के नाम से प्रसिद्ध हो गया.धीरे-धीरे खो रहा अपना अस्तित्वमुगलकालीन इतिहास का गवाह रहा यह लाल अब लोगों के अतिक्रमण का शिकार हो गया है. जिस तरह से इस ताल को बनाया गया था अब धीरे-धीरे यह सिमटता हुआ जा रहा है और इस ताल को बंद करते हुए लोग अपना आशियाना बना रहे हैं. वहीं इस पर अब लोगों ने अपने पक्के मकान बना लिए हैं..FIRST PUBLISHED : August 27, 2023, 23:39 IST



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