मिर्गी एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिससे भारत में 12 मिलियन (1.2 करोड़) से ज्यादा लोग पीड़ित हैं. लेकिन दुर्भाग्यवश, इनमें से अधिकतर मरीज एडवांस इलाज से वंचित रह जाते हैं. पारंपरिक दवाएं लगभग 30% मरीजों पर असर नहीं करतीं, जिससे उनका जीवन कठिन हो जाता है. ऐसे मरीजों के लिए एडवांस सर्जरी और ब्रेन-मैपिंग तकनीक एक नई आशा लेकर आई है.
फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल एडवांस न्यूरोसर्जरी तकनीकों के जरिए मिर्गी के मरीजों का सफल इलाज कर रहा है. यहां स्टीरियो-इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी (SEEG) और ECoG-गाइडेड माइक्रोसर्जरी जैसी एडवांस तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे मिर्गी के जटिल मामलों में भी 90% तक सफलता दर देखी गई है.
तुषार को मिली नई जिंदगी21 वर्षीय युवक तुषार सिंह मिर्गी से पिछले 10 वर्षों से जूझ रहे थे. दवाएं कारगर नहीं हो रही थीं और नियमित ब्रेन स्कैन में कोई स्पष्ट समस्या नहीं दिखी, जिससे उनकी सर्जरी को असंभव माना जा रहा था. लेकिन अमृता एडवांस्ड सेंटर फॉर एपिलेप्सी (AACE) के डॉक्टरों ने SEEG ब्रेन-मैपिंग तकनीक का उपयोग कर उनके दिमाग में समस्या के सटीक स्थान का पता लगाया और सर्जरी की. नतीजा यह रहा कि सात महीनों से उन्हें एक भी मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा.
अमृता हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में पारंपरिक स्कैन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे, लेकिन SEEG के जरिए हमें दौरे के सोर्स का सटीक स्थान मिला. सर्जरी के बाद तुषार सामान्य जीवन जी रहे हैं. यह तकनीक ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिनका इलाज अब तक असंभव माना जाता था.
मिर्गी के इलाज में भारत की चुनौतियांभारत में हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ एक न्यूरोलॉजिस्ट उपलब्ध है, जिससे लाखों मरीज उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं. इसके अलावा, हर साल सिर्फ 500 से कम मिर्गी सर्जरी की जाती हैं, जबकि जरूरत इससे कहीं अधिक है. जागरूकता की कमी के कारण भी कई मरीज इलाज के लिए आगे नहीं आ पाते.
पर्पल डे: जागरूकता और इलाज की दिशा में बड़ा कदम26 मार्च को ‘पर्पल डे’ के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मिर्गी से जुड़े मिथकों को तोड़ना और मरीजों को एडवांस इलाज के प्रति जागरूक करना है. सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. सत्यकाम बरुआ बताते हैं कि हर दौरा मरीज के लिए एक खोया हुआ अवसर होता है. नई तकनीकों से अब हम बिना बड़े ऑपरेशन के भी इलाज कर सकते हैं. हमारा टारगेट ज्यादा से ज्यादा मरीजों को मिर्गी से मुक्त जीवन देना है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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