उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में एसआईआर को लागू करने का निर्णय प्रशंसनीय
मेरठ : भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार के बाद उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में स्थानीय निर्वाचन सूची (एसआईआर) को लागू करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं, जिसमें लोगों की राय भी विभिन्न हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए, हमने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के प्रोफेसर और छात्रों से एसआईआर को लेकर खास बातचीत की.
विकसित भारत की क्रांति के लिए महत्वपूर्ण कदम
तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के डॉक्टर प्रो. प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में एसआईआर कराने को लेकर भारतीय चुनाव आयोग के कदम की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में शुद्धिकरण के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, उससे निश्चित तौर पर भारत 2047 में विकसित संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है. उसमें यह एक महत्वपूर्ण क्रांति होगी. क्योंकि अभी तक जो लोग बांग्लादेश सहित विभिन्न देशों से आकर अवैध रूप से विभिन्न दस्तावेजों को बनवा लेते हैं, उनकी पहचान हो पाएगी, साथ ही वास्तविक लोगों को मतदान का अधिकार मिल पाएगा।
वोटिंग लिस्ट शुद्धिकरण महत्वपूर्ण विषय
डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरीके से भारतीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देश अनुसार यूपी में भी अन्य राज्यों के साथ ही एसआईआर प्रक्रिया को लागू कर दिया गया है, इसके माध्यम से जो वोटर लिस्ट में कई तरह की समस्याएं रहती हैं, उसका निश्चित तौर पर समाधान मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न विपक्षी पार्टियों द्वारा जो सवाल उठाए जा रहे हैं, यह आश्चर्यचकित करने वाले हैं. क्योंकि वोटर लिस्ट का अवलोकन जहां बीएलओ द्वारा किया जाता है, वहीं पार्टी द्वारा भी अपने चुनाव के लिए बीएलए बनाए जाते हैं, जो कि अपने क्षेत्र की वोटर लिस्ट का अध्ययन करते हैं. इसलिए सिर्फ राजनीति करने की बजाय इस कदम में साथ आकर सहयोग करना चाहिए.
इस कदम से होगा सुधार
स्टूडेंट प्रेरणा भारती कहती हैं कि वर्तमान परिस्थितियों का आंकलन करते हुए चुनाव आयोग द्वारा जिस तरह से एसआईआर को लागू किया गया है, उसके माध्यम से वोटर लिस्ट में अगर वास्तविक रूप से बेहतर कार्य कर शुद्धिकरण किया जाएगा, तो उससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान देखने में मिलता है कि काफी ऐसे लोग होते हैं, जो नौकरी सहित अन्य कारणों से दूसरे राज्य या जनपद में शिफ्ट हो जाते हैं, वह वोट बनवाने की प्रक्रिया का पालन करना चाहते हैं, लेकिन कई तरह की जटिलता उन्हें परेशान करती है. ऐसे में इससे उन सभी को राहत मिलेगी.
अच्छे से किया जाए शुद्धिकरण
शिक्षिका निधि का शर्मा कहती हैं कि चुनाव आयोग द्वारा जो यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, ऐसे में सभी की जिम्मेदारी बनती है कि इसका बेहतर तरीके से शुद्धिकरण हो सके. इसीलिए किसी भी चीज की आलोचना करने के बजाय हमें सार्थक रूप से सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नए मतदाताओं को जोड़ते हुए जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम कटवाए जाएं.
मेरठवासी चुनाव आयोग के इस कदम की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण करते समय सिर्फ खाना पूर्ति न रहे, बल्कि वास्तविक रूप से जिस उद्देश्य से लागू किया गया है, उसको पूरा किया जाए.

