Uttar Pradesh

PTR में 18 इंच की दुर्लभ बिल्ली…कैमरे में हुई कैद! इस खास कैट में दिखा कलर म्यूटेशन का पहला मामला



सृजित अवस्थी/ पीलीभीत : उत्तर प्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है. वैसे तो यह बाघों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है लेकिन हाल ही में टाइगर रिजर्व की सैर पर आए आईआरएस अधिकारी को एक विशेष वन्यजीव का दीदार हुआ. माना जा रहा है कि पूरी दुनिया में यह इस तरह का पहला मामला है.

आमतौर पर सभी लोग पीलीभीत टाइगर रिजर्व को बाघों व चूका बीच के लिए जानते हैं. लेकिन प्रकृति ने तराई के इस ख़ूबसूरत हिस्से को जैव विविधता से नवाजा है. जिस वन्यजीव को इतिहास में बहुत कम बार देखा गया है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों को आए दिन उसके दीदार हो जा रहे है.

इसलिए खास है यह प्रजातिदरअसल, बिल्ली की तकरीबन 41 प्रजातियां होती है. बड़ी प्रजाति की बिल्लियां जैसे बाघ तेंदुआ आदि को तो अधिकांश लोग जानते हैं. लेकिन कई छोटी प्रजातियां ऐसी हैं जो अपने शर्मीले स्वभाव के चलते लोगों को आसानी से नहीं नजर आती. उसमें से भी विशेष मानी जाती है रस्टी स्पॉटेड कैट. रस्टी स्पॉटेड कैट दुनिया की सबसे छोटी बिल्ली मानी जाती है. इसकी लंबाई महज 13 से 18 इंच होती है और वजन मात्र 900 ग्राम से डेढ़ किलो तक होता है. यह आमतौर पर रात में ही विचरण करती है. वहीं शर्मीले स्वभाव के कारण बहुत ही कम नजर आती है. लेकिन पीलीभीत के जंगलों में बीते कुछ दिनों में ही दो बार इस खास वन्यजीव को देखा गया है.

कैमरे में कैद हुई ल्यूसिस्टिक रस्टी स्पॉटेड कैटरस्टी स्पॉटेड कैट को इसके शर्मीले स्वभाव व छोटे कद के चलते बहुत ही कम देखा जाता है. ऐसे में अभी तक कभी भी कलर म्यूटेशन के साथ इस वन्यजीव को स्पॉट नहीं किया गया था. लेकिन हाल ही में आईआरएस अधिकारी अंकुर रापरिया पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सैर पर आए थे. इस दौरान उनकी नजर रस्टी स्पॉटेड कैट पर पड़ी लेकिन यह कोई आम बिल्ली नहीं थी. कलर म्यूटेशन के चलते यह अन्य रस्टी स्पॉटेड बिल्लियों से अलग नजर आ रही थी. उन्होंने इस खास वन्यजीव की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली और पूरे मामले की जानकारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल को दी. हाल फिलहाल इसकी निगरानी व स्वभाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करने के लिहाज से जंगल में कैमरा ट्रैप लगाए गए है.

क्या होता है कलर म्यूटेशन?वन्यजीवों में ल्यूसिज्म पर अधिक जानकारी देते हुए वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के तराई टाइगर प्रोजेक्ट की बायोलॉजिस्ट प्रांजलि भुजबल ने बताया कि अगर आसान शब्दों में समझा जाए तो ल्यूसिज्म एक तरह की शारीरिक परिस्थिति होती है. इसके चलते वन्यजीवों की रंगत सामान्य से कुछ अलग हो जाती है. अगर इस रस्टी स्पॉटेड कैट की बात करें तो इसकी रंगत अन्य रस्टी स्पॉटेड बिल्लियों से कुछ अलग है. इसका कोट कलर काफी हद तक पीला है. ऐसे में यह अपने आप में काफी विशेष हो जाती है. विभाग की टीम के साथ मिलकर इसके बारे में अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 21:14 IST



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