Last Updated:June 21, 2025, 18:06 ISTBulandshahr Latest News: विनोद गडरिया का एसटीएफ ने एंकाउंटर कर दिया है. 19 साल तक पश्चिम यूपी में इस डकैट का आतंक रहा था, जो अब खत्म हो गया है.एंकाउंटर में मौत. बुलंदशहर. पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगभग दो दशकों तक आतंक का पर्याय बन चुका कुख्यात डकैत विनोद गडरिया आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है. नोएडा एसटीएफ की इस कार्रवाई ने एक लंबे समय से फरार चल रहे अपराधी की कहानी को खत्म कर दिया. लेकिन उसकी यह कहानी एक घरेलू विवाद से शुरू हुई थी, जिसने उसे खतरनाक अपराधी बना दिया. यह है 48 वर्षीय विनोद गडरिया वो नाम, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में दहशत का दूसरा नाम बन चुका था.हत्या, डकैती, लूट, रेप, अपहरण और फिरौती जैसे जघन्य अपराधों की लंबी फेहरिस्त रखने वाला गडरिया आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. मामला बुलंदशहर के थाना जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र का है, जहां नोएडा एसटीएफ भ्रमण पर थी. तभी खबर मिली कि विनोद गडरिया अपने साथियों के साथ किसी बड़ी डकैती की योजना बनाकर इलाके में पहुंचा है. जानकारी पुख्ता होने के बाद एसटीएफ ने इलाके की घेराबंदी की. खुद को घिरता देख गडरिया ने पुलिस पर एक दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की.
जवाबी कार्रवाई में गडरिया मारा गया. फायरिंग के दौरान दो सिपाही सुमित और अनुज घायल हो गए, जबकि दरोगा केशव शांडिल्य की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी, जिससे उनकी जान बच गई. मुठभेड़ के बाद मौके से दो पिस्टल, भारी मात्रा में कारतूस, एक मोटरसाइकिल, हेलमेट और एक बैग बरामद किया गया है. वहीं विनोद गडरिया के फरार साथियों की तलाश में एसटीएफ की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. विनोद गडरिया का आपराधिक जीवन एक घरेलू विवाद के बाद शुरू हुआ.
पत्नी की हत्या के आरोप में घर से फरार हुआ विनोद धीरे-धीरे पश्चिम उत्तर प्रदेश के टॉप 10 बदमाशों के संपर्क में आ गया. इसके बाद उसने कई जिलों में खून-खराबे और डकैती का आतंक फैलाया. उसके खिलाफ पश्चिम के आधा दर्जन जिलों में कुल 40 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. उसकी बढ़ती दहशत को देखते हुए मुजफ्फरनगर पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ भी लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी थी. तो कहते हैं जुर्म का अंत तय होता है, और विनोद गडरिया का अंजाम भी यही हुआ. पश्चिम उत्तर प्रदेश में दो दशक से छाया खौफ आज खत्म हो गया. लेकिन सवाल यही है अगर वक्त रहते घरेलू विवाद को हल किया जाता, तो क्या विनोद गडरिया एक खतरनाक अपराधी बनने से बच सकता था.अभिजीत चौहानन्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.न्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि. Location :Bulandshahr,Bulandshahr,Uttar Pradeshhomeuttar-pradesh19 साल पश्चिम यूपी में आतंक, STF की गोली से खत्म हुई विनोद गडरिया की दहशत