भारतीय क्रिकेट टीम का एक क्रिकेटर उसकी सबसे बड़ी दीवार माना जाता था, जिसे गिराना विरोधी टीम के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होता था, लेकिन कोच गौतम गंभीर के युग में उस क्रिकेटर का टेस्ट करियर लगभग खत्म माना जा रहा है. इससे पहले पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के समय में भी इस खिलाड़ी को टेस्ट टीम में मौके मिलने बंद हो गए थे. अब इस खिलाड़ी का टेस्ट करियर खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
पता नहीं इस खिलाड़ी से क्या है आपत्ति?
टीम इंडिया में इस बल्लेबाज को सबसे भरोसेमंद माना जाता था और जब ये बल्लेबाज क्रीज पर उतरता था तो भारतीय टीम पर कोई आंच नहीं आने देता था. भारतीय टेस्ट टीम में ये खिलाड़ी कभी ओपनर तो कभी नंबर 6 पर खेलता था और मुश्किल घड़ी में टीम इंडिया के लिए ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करता था. जब राहुल द्रविड़ कोच थे तो इस खिलाड़ी को मौके मिलना भी कम हो गए और फिर इस खिलाड़ी को पूरी तरह टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया.
भारत का बदनसीब क्रिकेटर
टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद जब राहुल द्रविड़ ने बतौर हेड कोच टीम इंडिया की कमान संभाली थी तो उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय टेस्ट टीम में विस्फोटक बल्लेबाज श्रेयस अय्यर की एंट्री करा दी. किस्मत से राहुल द्रविड़ का ये फैसला बिल्कुल सही साबित हो गया. श्रेयस अय्यर को भारतीय टेस्ट टीम में नंबर 6 पोजीशन पर लगातार मौके मिलना शुरू हो गए तो हनुमा विहारी को धीरे-धीरे मौके मिलना बंद होते चले गए. भारतीय टेस्ट टीम में हनुमा विहारी की जगह पक्की नहीं हो पाई और टेस्ट टीम में नंबर 6 बल्लेबाजी पोजीशन पर श्रेयस अय्यर ने कब्जा कर लिया था. हालांकि श्रेयस अय्यर भी टेस्ट टीम से ड्रॉप हो गए. वहीं, हनुमा विहारी का भी टेस्ट करियर खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है.
इस बल्लेबाज को सबसे भरोसेमंद माना जाता था
हनुमा विहारी को भारतीय टेस्ट टीम की सबसे बड़ी दीवार माना जाता था, जिसे गिराना विरोधी टीम के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होता था. हनुमा विहारी ने जनवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच में घायल होने के बाद भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए. सिडनी टेस्ट में कंगारू टीम मुकाबला जीतने की कगार पर थी, लेकिन हनुमा विहारी दीवार की तरह खड़े रहे और अंगद की तरह पैर क्रीज पर जमाए रखा. हनुमा विहारी ने सिडनी टेस्ट में 161 गेंदो में नाबाद 23 रनों की पारी खेलकर मुकाबला ड्रॉ कराया था. इस टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के कारण ही भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2020-21 में टेस्ट सीरीज जीतने का दरवाजा खुला था.
इस बड़े बलिदान को भुला दिया गया
भारत ने तब ब्रिस्बेन टेस्ट में जीत दर्ज करते हुए ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीतने का कमाल किया था. टीम इंडिया की इस सीरीज जीत में हनुमा विहारी का बड़ा योगदान था, जिसे अब भुला दिया गया है. हनुमा विहारी ने तब एक वेबसाइट पर दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने पेन किलर इंजेक्शन लेने के बाद पैर में पट्टी बांधकर देश के लिए बल्लेबाजी जारी रखी. हनुमा विहारी ने कहा, ‘मुझे अपनी टीम के लिए खड़े रहना था. मैंने सोच लिया था कि मुझे हर हाल में करीब तीन घंटे बल्लेबाजी करनी है’.
छिन गई टेस्ट टीम में जगह
31 साल के हनुमा विहारी ने 16 टेस्ट मैचों में 33.56 की औसत से 839 रन बनाए हैं. हनुमा विहारी ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और 5 अर्धशतक लगाए हैं. टेस्ट क्रिकेट में हनुमा विहारी ने पांच विकेट भी झटके हैं. हनुमा विहारी एक ऑलराउंडर हैं और जरूरत पड़ने पर टीम इंडिया के लिए ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं. इन दिनों भारतीय टेस्ट टीम में नंबर 6 बल्लेबाजी पोजीशन को लेकर जबरदस्त कम्पटीशन है. ऐसे में अब भारतीय टेस्ट टीम में हनुमा विहारी के लिए जगह नहीं बनती है. हनुमा विहारी की टेस्ट टीम में जगह छिन गई है.
भारत के लिए जुलाई 2022 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला
हनुमा विहारी ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में हनुमा विहारी पहली पारी में 20 रन और दूसरी पारी में सिर्फ 11 रन बनाने में ही कामयाब रहे थे. वैसे हनुमा विहारी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेलते हैं, जिसमें उनके गजब के आंकड़े हैं. हनुमा विहारी ने 131 फर्स्ट क्लास मैचों में 49.92 की औसत से 9585 रन बनाए हैं. हनुमा विहारी ने इस दौरान 24 शतक और 51 अर्धशतक ठोके हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हनुमा विहारी का बेस्ट स्कोर नाबाद 302 रन है.
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