प्रयागराज. कहा जाता है कि भोले बाबा बहुत ही दानी हैं उनसे जो भी मांगो वह अपने भक्तों को जरूर देते हैं. इसी वजह से सावन माह के सोमवार के दिन शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसे ही एक महादेव के मंदिर में न्यूज़ 18 लोकल की टीम पहुंची जहां हमने मंदिर के पुजारी और भक्तों से भी बातचीत की.
कोटेश्वर महादेव मंदिर प्रयागराज के शिवकुटी पुरम में गंगा नदी के तट पर स्थित है. यह मंदिर सतयुग का बताया जाता है जिसकी स्थापना भगवान श्रीराम ने स्वयं अपने हाथों से की थी.
जानें क्या है मंदिर का इतिहासकहा जाता है कि जब भगवान श्री राम रावण का वध करके प्रयागराज स्थिति महर्षि भारद्वाज के आश्रम लौटे थे, तब महर्षि भारद्वाज ने भगवान श्रीराम को बताया था कि रावण एक प्रकांड पंडित था जिसकी हत्या का पाप अब उनके सर पर है. यदि वह ब्रह्म हत्या से मुक्त होना चाहते हैं, तो गंगा के तट पर सवा करोड़ शिवलिंग की स्थापना करें. इसके बाद भगवान श्रीराम ने महर्षि भारद्वाज की आज्ञा का पालन करते हुए गंगा नदी के तट पर सवा करोड़ शिवलिंग की स्थापना की. उन सभी सवा करोड़ शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कर उन्हें एक ही शिवलिंग में सम्मिलित कर दिया गया, जिसके बाद इस मंदिर का नाम कोटेश्वर महादेव मंदिर पड़ा.
आज भी लगती है शिव कचहरीमान्यता है कि मंदिर की स्थापना के बाद से इस मंदिर परिसर में आज भी शिव कचहरी लगती है जिसमें समस्त देवी देवता आज भी अप्रत्यक्ष रूप से यहां पर आते हैं. शिव कचहरी में भगवान भोलेनाथ से देवी देवता और उनके भक्त अपनी इच्छा जाहिर करते हैं, जिन्हें भगवान भोलेनाथ जरूर पूरा करते हैं.
मंदिर में दूर-दूर से आए भक्तों ने बताया कि भगवान भोलेनाथ के पास जो भी सच्चे दिल से अपनी मनोकामना लेकर इस मंदिर में आता है, उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है. मंदिर में दर्शन करने से पहले लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और फिर नदी के जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Lord Ram, Prayagraj News, SawanFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 18:27 IST
Source link
No confusion over CM face, says Tejashwi
PATNA: RJD leader Tejashwi Prasad Yadav on Tuesday dismissed speculation over the INDIA Bloc’s chief ministerial face in…