Mahua Health Benefits: भारत के सेंट्रल और नॉर्थन रीजन में पाए जाने वाले महुआ का नाम सुनते ही एक मीठी सुगंध और बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं. महुआ (साइंटिफिक नाम: मधुका लॉन्गीफोलिया) एक ऐसा पेड़ है, जिसके फूल और फल दोनों ही हेल्थ और लाइफस्टाइ के लिए फायदेमंद हैं. यह पेड़ न केवल पोषण देता है, बल्कि ट्रेडिशनल मेडिसिन और कल्चरल प्रैक्टिस में भी गहराई से जुड़ा हुआ है. कई ट्रेडिशनल गीतों और कथाओं में इसका जिक्र किया गया है.
नेचर का श्रृंगार करता है महुआ
हेल्थ और कल्चर का पार्ट होने के साथ यह महुआ नेचर का श्रृंगार भी करता है क्योंकि जब आम में मंजरी (बौर) और महुआ में कूंच (कली) एक साथ खिलते हैं, तो यह इशारा होता है बसंत ऋतु की शुरुआत होने जा रहा है. महुआ के फूल रात भर पेड़ से टपकते हैं. महुआ के बड़े-बड़े बगीचों को “मऊहारी” कहा जाता है, जो अब पहले की तुलना में कम देखने के लिए मिलते हैं.
किसी मिठाई से कम नहीं महुआ
महुआ के फूल सुगंधित और मीठे होते हैं, जिनमें हाई शुगर (लगभग 50%) होती है. इस वजह से इन्हें ताजा खाए जाने पर स्वाद किसी मिठाई सा होता है और सूखने पर यह किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट की तरह हो जाते हैं. अपनी मिठास के चलते महुआ के ताजे फूलों से पकवान भी बनाए जाते हैं. इन मिठास से भरे फूलों का रस निकालकर उसमें आटा गूंथकर ठकुवा, लापसी आदि व्यंजन बनाए जाते हैं. सूखे फूलों को भूनकर और ओखली में कूटकर “लाटा” बनाया जाता है, जो एनर्जी का एक अच्छा स्रोत है. इस तरह से महुआ के फूल ताजा या सुखाकर भी खाए जाते हैं और इनसे कई व्यंजन बनाए जाते हैं. ऐसे ही तिनछठी व्रत में भी महुआ के सूखे फूलों का इस्तेमाल प्रसाद बनाने में होता है.
महुआ शराब
मार्च से अप्रैल तक आने वाले महुआ के फूलों का उपयोग ट्रेडिशनल तरीके से गाय-भैंसों को खिलाने के लिए भी किया जाता है, जिससे दूध प्रोडक्शन बढ़ता है. इसके अलावा, इन फूलों का इस्तेमाल करके फरमेण्टेशन प्रोसेस से “महुआ शराब” भी बनाई जाती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में काफी फेमस है. हालांकि महुआ के फूल और फल आमतौर पर सेफ हैं, फिर भी ज्यादा मात्रा में महुआ शराब का पीने से यह हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है.
औषधीय गुणों से भरपूर
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण महुआ के फूल औषधीय गुणों की भी खान हैं. यह फूल एनर्जी बढ़ाने के साथ-साथ रेस्पिरेटरी समस्याओं जैसे सर्दी, खांसी और ब्रोंकाइटिस में राहत पाने में मदद कर सकते हैं. सूखे फूलों को भिगोकर पीसकर बांधने से सूजन, दर्द और मोच में राहत मिलती है. फूलों का मौसम खत्म होने के बाद महुआ के पेड़ पर इसके फल “कोइन” की बारी आती है. कच्चे फलों को छीलकर उबालकर सब्जी के रूप में खाया जाता है. महुआ के पेड़ की प्रोडक्टिविटी भी अच्छी होती है. पके हुए फल का गूदा मीठा होता है. घर की बुजुर्ग महिलाएं इसका गूदा अलग करती हैं और बीज निकाल लेती हैं. इसका बीज के ऊपरी खोल का हिस्सा बहुत सख्त होता है जिसे भिगोया जाता है. महुआ के बीज में काफी मात्रा में तेल होता है जिसके कई उपयोग हैं.
महुआ के बीज के तेल का घर
एक तरफ यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है तो साबुन, डिटर्जेंट आदि बनाने में भी इसके तेल का इस्तेमाल होता है. महुआ के बीज के तेल का घर में भी इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इसके कसैले स्वाद को ठीक करने के लिए इसे नींबू की पत्ती के साथ पकाया जाता है. एक बार पकने के बाद यह गुणों से भरपूर तेल रिफाइंड का बहुत अच्छा विकल्प बन जाता है. तेल का उपयोग शरीर पर लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होता है और यह नेचुरल मॉइस्चराइजर का काम करता है.
—-आईएएनएस
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