कानपुर न्यूज़: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जाजमऊ की 20 टैनरियों पर शिकंजा कस दिया है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अजीत कुमार सुमन ने बताया कि प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा रहा है. वर्ष 2025 में अब तक 20 टैनरियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और 9 टैनरियों पर ₹2,87,500 रुपये का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति (जुर्माना) लगाया गया है. अधिकारी ने बताया कि जो इकाइयाँ जल अधिनियम-2016 के तहत निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगी, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी.
जाजमऊ की सभी 278 टैनरी इकाइयों में दूषित जल को शोधित करने के लिए अपना प्राइमरी ट्रीटमेंट प्लांट (PETP) लगा हुआ है, और फिर इस जल को 20 एमएलडी क्षमता वाले कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) में भेजा जाता है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर टैनरी में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लोमीटर लगाए गए हैं. ये फ्लोमीटर सीधे केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर से जुड़े हैं, जिससे निस्तारित जल की मात्रा और गुणवत्ता का रियल-टाइम डेटा लगातार मिलता रहता है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी जानकारी दी कि 20 एमएलडी क्षमता वाले सीईटीपी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से शोधित किए गए जल को एक इरीगेशन चैनल में छोड़ा जाता है. इस जल का उपयोग किसान सिंचाई के लिए करते हैं. 21 अक्तूबर को लिए गए नमूनों की जाँच में इस चैनल के पानी के प्रदूषण मानक, जैसे पी.एच., बी.ओ.डी., सी.ओ.डी. और क्रोमियम, निर्धारित सीमा के भीतर पाए गए. जाजमऊ क्षेत्र में घरेलू सीवेज के शोधन के लिए 130, 43 और 36 एमएलडी क्षमता वाले तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी चल रहे हैं, जो प्रतिदिन लगभग 209 एमएलडी सीवेज को शोधित करते हैं. इनकी भी लगातार जाँच की जा रही है और इनके परिणाम भी मानकों के भीतर पाए गए हैं.
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने कहा कि बोर्ड औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन दोनों को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है.

