प्रतापगढ़ में सपा नेता गुलशन यादव के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज होती जा रही है. पुलिस ने उनके खिलाफ इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. गुलशन यादव कुर्क बाग से आम बेचने के आरोप में फरार चल रहे हैं और उनके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी, और गैंगस्टर एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में कुल 53 मुकदमे दर्ज हैं.
प्रतापगढ़ पुलिस ने गुलशन यादव की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की है, जो लगातार उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. हालांकि, अभी तक पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय राय ने बताया कि गुलशन यादव की तलाश में पुलिस दिन-रात जुटी हुई है, और जनता से भी उनकी गिरफ्तारी में सहयोग की अपील की गई है. पुलिस का मानना है कि गुलशन यादव की गिरफ्तारी से प्रदेश में अपराध को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
संपत्ति कुर्की की कार्रवाई पुलिस और प्रशासन ने गुलशन यादव की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अब तक उनकी लगभग 3 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है, जिसमें लखनऊ और प्रतापगढ़ में उनके मकान और प्लॉट शामिल हैं. कुल मिलाकर, 7 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया गया है. गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986 की धारा 14(1) के अंतर्गत की जा रही है. पुलिस का मानना है कि गुलशन यादव की अवैध संपत्तियों को कुर्क करने से उन्हें अपराध को करने के लिए प्रेरित करने वाले संसाधनों से वंचित किया जा सकता है.
गुलशन यादव का राजनैतिक सफर भी चर्चा में रहा है. वे 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से सपा के टिकट पर बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. गुलशन यादव कभी राजा भैया के करीबी माने जाते थे, लेकिन बाद में दोनों के बीच राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता उभर आई. गुलशन यादव वर्तमान में सपा के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष हैं और पार्टी के प्रमुख नेता अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं.
पुलिस की प्रतिबद्धता एएसपी संजय राय ने कहा, “प्रतापगढ़ पुलिस अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है. गुलशन यादव की गिरफ्तारी और उनकी अवैध संपत्तियों की कुर्की के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.” पुलिस ने गुलशन यादव के खिलाफ 1998 से लेकर अब तक दर्ज मुकदमों की जांच तेज कर दी है, जिनमें से अधिकांश प्रतापगढ़ और प्रयागराज के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. पुलिस का मानना है कि गुलशन यादव की गिरफ्तारी से प्रदेश में अपराध को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और लोगों को अपराध के खिलाफ एक संदेश दिया जाएगा.