Potassium-Enriched Salt: एक इंटरनेशनल स्टडी के मुताबिक, नमक में पोटेशियम की खुराक स्ट्रोक के फिर से रिपीट होने के साथ-साथ मौत के रिस्क को भी काफी कम कर सकती है. ये अध्ययन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की नई सिफारिश के बीच आया है कि हाई ब्लड प्रेशर और इससे रिलेटेड हार्ट रिस्क से निपटने के लिए पोटेशियम से भरपूर नमक लिया जाए.
जानलेवा है स्ट्रोकस्ट्रोक मौत और डिसेबिलिटी का एक बड़ा कारण है, और पुनरावर्ती घटनाएं एक प्रमुख चिंता बनी हुई हैं. हाई सोडियम इनटेक और लो पोटेशियम इनटेक को मेन रिस्क फैक्टर माना जाता है. चीन, ऑस्ट्रेलिया और यूके सहित कई देशों के रिसर्चर्स ने कहा, “स्टडी से पता चलता है कि पोटेशियम सॉल्ट के विकल्प ने स्ट्रोक की पुनरावृत्ति और मौत के जोखिम को काफी कम कर दिया, और ये स्ट्रोक के मरीजों के लिए एक नया और प्रैक्टिकल थेरोपेटिक ऑप्शन है.”
कैसे की गई रिसर्च?रैंडेमाइज्ड क्लीनिकल ट्रायल में चीन के 15,249 प्रार्टिसिपेंट्स शामिल थे, जिन्होंने पहले स्ट्रोक से पीड़ित होने की रिपोर्ट दी थी. प्रतिभागियों को या तो नमक के विकल्प का उपयोग करने के लिए सौंपा गया था, जिसमें द्रव्यमान द्वारा 75 फीसदी सोडियम क्लोराइड और 25 फीसदी पोटेशियम क्लोराइड शामिल था, या नियमित नमक.
रिसर्च के नतीजेजामा कार्डियोलॉजी (JAMA Cardiology) में छपे फाइंडिंग्स से पता चला कि रेगुलर सॉल्ट ग्रुप की तुलना में पोटेशियम ऑप्शन ग्रुप में पुनरावर्ती स्ट्रोक 14 फीसीदी कम हो गया था. कुल 2,735 पुनरावर्ती स्ट्रोक की घटनाएं हुईं, जिनमें से 691 घातक और 2,044 गैर-घातक एपिसोड थे. हेमोरेजिक स्ट्रोक में 30 फीसदी की रिलेटिव कमी देखी गई, और स्ट्रोक से जुड़ी मौतों में 21 फीसदी की कमी आई. रिसर्चर्स ने ग्रुप्स के बीच हाइपरकेलेमिया (हाई पोटेशियम लेवल) में कोई खास फर्क नहीं पाया.
रिसर्चर्स ने कहा, “इस क्लस्टर ट्रायल के रिजल्ट बताते हैं कि नमक का विकल्प सुरक्षित था, साथ ही स्ट्रोक की पुनरावृत्ति और मौत के जोखिम को कम किया, जो स्ट्रोक के मरीजों के बीच इस कम लागत वाले इंटरवेंशन को बढ़ाने से बड़े हेल्थ गेन को जाहिर करता है.”
WHO ने की के-सॉल्ट की सिफारिशडब्ल्यूएचओ ने अपनी हाल की गाइडलाइंस में, रेगुलर टेबल सॉल्ट के बजाय के-सॉल्ट (K-salt) या पोटेशियम क्लोराइड का इस्तेमाल करने का सुझाव देता है, जो सोडियम से भरपूर होता है. के-सॉल्ट ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है, जो हृदय रोग (सीवीडी) और क्रोनिक किडनी डिजीज का कारण बन सकता है.
ये हाई सोडियम इनटेक से जुड़ी दूसरी परेशानियों के जोखिम को भी कम करता है, जैसे कि गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer). डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल, 80 लाख लोग खराब डाइट की वजह से मौत के शिकार हो जाते हैं. इनमें से 19 लाख मौतें हाई सोडियम इनटेक के कारण होती हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Chhattisgarh forest department tops All-India Forest Sports Meet for 13th year
State leads in all-India Forest Sports MeetFor the 13th consecutive year, the Chhattisgarh forest department maintained its supremacy…

