प्रयागराज में पोस्टमार्टम हाउस में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां जौनपुर के एक व्यक्ति का शव फतेहपुर के लोग लेकर चले गए थे। जब मामले की जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। हालांकि, कुछ देर में इस बात का पता चल गया, जिसके चलते शव को लेकर फतेहपुर जा रहे लोग बीच रास्ते से फिर पोस्टमार्टम हाउस वापस लौट आए।
पोस्टमार्टम हाउस पर हर रोज की तरह शव लाया और ले जाया जा रहा था। इस दौरान फतेहपुर जिले के खागा विजयनगर रेलवे कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय जितेंद्र कुमार केसरवानी और जौनपुर के मीरगंज निवासी 57 वर्षीय अवधेश कुमार उमर वैश्य के शवों का पोस्टमार्टम हुआ था।
रेलकर्मी जितेंद्र कुमार की ट्रैक पर काम करते हुए कालिंदी एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं किराना व्यवसायी अवधेश कुमार की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को सील कर दिया गया था।
शव सौंपने के दौरान ही गलती हो गई और जितेंद्र के घरवाले अवधेश का शव लेकर फतेहपुर के लिए निकल गए थे। कुछ देर बाद अवधेश के घरवालों को शव दिया गया तो उन्होंने कर्मचारियों से मृतक का चेहरा दिखाने को कहा। चेहरा देखते ही उनके होश उड़ गए। शव किसी दूसरे का था।
इस गड़बड़ी का पता चलते ही हड़कंप मच गया। इसके बाद आनन-फानन में जो तीन और लोग लाश लेकर गए थे, उन्हें फोन किया गया और लाश का चेहरा देखने को कहा गया और बताया गया कि अगर वह लाश उनकी नहीं है तो वापस पोस्टमार्टम हाउस आना पड़ेगा।
हालांकि, बांदा और बारा शव लेकर जा रहे लोगों ने रास्ते में गाड़ी रोककर शव देखा और बताया कि ये शव उनके परिजन का ही है। वहीं जब फतेहपुर के लिए निकले जितेंद्र कुमार के परिजन सुलेमसराय पहुंचे तो उन्होंने शव देखा तो वह हैरान रह गए। शव किसी और का था।
फिर वह तुरंत वापस पोस्टमार्टम हाउस आए और अपना शव लेकर गए। इस मामले में पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों की लापरवाही की जांच की जा रही है।

