Uttar Pradesh

Positive Story: कचरे के अनूठे इस्तेमाल से गांव की तस्वीर बदल चुका यह सफाईकर्मी, डिग्रियां कर देंगी हैरान



रिपोर्ट – कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. एक सफाईकर्मी अपनी भलमनसाहत और प्रतिभा के कारण अपने गांव ही नहीं बल्कि पूरे ज़िले में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यह सफाईकर्मी बहादुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत भेड़िहा के डेडिया गांव में तैनात सूरज कुमार है, जिसने एक अनोखी पहल मुहिम के तौर पर छेड़ रखी है. सफाई के दौरान वह गार्बेज और प्लास्टिक वेस्ट भी इकट्ठा करता है और इस कचरे से अब तक वह कई कलाकृतियों के साथ ही ग्रामीणों के लिए बेंच आदि भी बनवा चुका है और ग्राम पंचायत में गांव के विकास के लिए एक बड़ी रकम भी वह जमा कर चुका है.
महात्मा गांधी व पीएम नरेंद्र मोदी से खुद को प्रेरित बताने वाले सूरज का ने एक बड़े काम को सफाई के समय मिलने वाले वेस्टेज प्लास्टिक को बेचकर अंजाम दिया है. यह वेस्ट बेचने से जो रुपये सूरज को मिलते हैं, उससे वह कलाकृतियां बनाकर अपनी प्रतिभा दिखाता है, वहीं इसी रकम से वह गांव के विकास व कल्याण के लिए भी काम कर रहा है. अभी तक सात हज़ार रुपये ग्राम पंचायत के खाते में वेस्टेज बेचकर वह जमा कर चुका है. साथ ही गार्बेज का इस्तेमाल करके सूरज ने गांव में कई जगह बैठने के लिए बेंच और पशु पक्षियों के पानी के लिए टोकरी भी बनाई है.
कलाकारी के साथ ही गरीबों की भरपूर मदद

सूरज का कहना है कि वह गांव में झाड़ू लगाते समय एक बोरी भी लेकर चलता है और वेस्टेज प्लास्टिक को उसमें रखता जाता है. पांच सालों से गांव से वेस्टेज प्लास्टिक व पॉलिथीन जुटा रहे सूरज ने पिछले साल जून में ऐसे ही वेस्टेज सामान से गांधी की प्रतिमा बनाई. यह प्रतिमा गांव में लगी है. इसके साथ ही सूरज ने वेस्टेज कूड़े कचरे की मदद से मानव शृंखला का शिल्प भी बनाया, जिसमें मनुष्य कूड़े कचरे से घिरा दिखता है.
सूरज के समाज कल्याण के काम भी चर्चा में रहते हैं. बीते जून के महीने में ही उसने अपने गांव की गरीब और निराश्रित महिला जसमता पत्नी स्व. सुखराज की आंखो का ऑपरेशन करवाया. ऑपरेशन से लेकर दवा तक खर्चे भी दिए. साथ ही सूरज कुमार ने कोरोना काल में गरीब, बेसहारा ग्रामीणों की बढ़ चढ़कर मदद की थी. अपने गांव के पांच सबसे गरीब परिवारों को उसने खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधा मुहैया कराई थी.
और क्या हैं सूरज के इरादे?

सूरज ने बताया वैसे तो भविष्य का अभी कोई प्लान निर्धारित नहीं है क्योंकि जिस हिसाब से वेस्टेज मिलता है, वह उसी हिसाब से प्लान करता है. अभी वह पॉलिथीन और प्लास्टिक की मदद से प्लास्टिक की ईंट बनाने पर विचार कर रहा है, जिससे गांव में अगर कहीं भी इंटरलॉकिंग या खड़ंजे से बनी सड़क की कोई ईंट टूट जाए तो वह प्लास्टिक ईंट का इस्तेमाल करके टूटी रोड को सही कर सके.
आखिर कौन है सूरज कुमार?

कलवारी मुश्तहकम का निवासी सूरज गणित और विज्ञान से बीएससी करने के बाद 2008 में सफाईकर्मी पद पर तैनात हुआ. डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि सफाईकर्मी सूरज द्वारा बहुत ही सराहनीय काम किया जा रहा है. स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में उन्होंने अभिनव प्रयास किया है. ‘हमने उन्हें एसबीएम फेज़-2 का ब्रांड एम्बेसडर बनाने का निर्देश दिया है, जो सफाईकर्मियों को प्रेरित करने व प्रशिक्षण देने का कार्य करेंगे ताकि अन्य ग्राम पंचायतों में भी ऐसे सराहनीय काम हो सकें.’ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Basti news, Positive StoryFIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 15:57 IST



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