Uttar Pradesh

पीलीबहित समाचार: राजशाही गई लेकिन इतिहास जिंदा, पीलीभीत के ये इमारतें आज भी राजा के रसूख की देती है गवाही

पीलीभीत शहर की ऐतिहासिक इमारतें आज भी अपने सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती हैं। शहर की चौक बाजार में स्थित राजा साहब की कोठी एक ऐसी ही इमारत है, जो अपने आलीशान सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह कोठी वर्ष 1919 में साहू परिवार ने बनवाई थी, जो शहर के प्रमुख व्यवसाई ललिता प्रसाद और उनके छोटे भाई साहू हरिप्रसाद के परिवार की थी।

राजा साहब की कोठी को हेरिटेज होटल बनाने के लिए चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन इसके अलावा भी शहर में कई अन्य ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो अपने सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती हैं। शहर के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक राधारमण मंदिर है, जो शहर के चौक बाजार में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण पीलीभीत के तत्कालीन राजा लालता प्रसाद और हरि प्रसाद ने बनाया था, जो अपने आस्था और मनोकामना के पूर्ण होने के बाद इस मंदिर की स्थापना की थी। मन्दिर में लगे शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण सम्वत 1853 (सन 1796) में हुआ था।

शहर के साहू ललिता प्रसाद व उनके छोटे भाई साहू हरि प्रसाद ने ललित हरि राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के लिए भूमि दान में दी थी, जिसकी स्थापना वर्ष 1899 में पीलीभीत शहर में संस्कृत और आयुर्वेद का ज्ञान प्रदान करने के लिए की गई थी। यह महाविद्यालय राज्य और देश के सबसे पुराने आयुर्वेद महाविद्यालयों में से एक है।

शहर के छतरी चौराहे के समीप स्थित आलीशान कोठी के साथ ही साथ साहू परिवार का एक गार्डन हाउस भी शहर के छतरी चौराहे के समीप स्थित है, जिसे शहर वासियों के बीच राजा साहब की बगिया के नाम से प्रसिद्ध है। इसके पड़ोस में बसी कॉलोनी अधिकांश लोग आज भी राजा बाग कॉलोनी के नाम से जानते हैं।

इन सभी ऐतिहासिक इमारतों का शहर के इतिहास और संस्कृति से गहरा संबंध है, जो आज भी अपने सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती हैं।

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