Last Updated:June 13, 2025, 23:58 ISTPilibhit news in hindi : यूपी का पीलीभीत जिला बाढ़ के लिहाज से जितना संवेदनशील है. यहां का प्रशासनिक अमला उतना ही गैर-जिम्मेदार. इसकी कलई जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह के सामने ही खुल गई.पीलीभीत. यूपी का पीलीभीत जिला बाढ़ के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. इसके बावजूद यहां का प्रशासनिक अमला कितना गैर-जिम्मेदार है, इसकी कलई डीएम के सामने ही खुल गई. बदहाल स्थिति को देख भड़के जिलाधिकारी ने मातहतों की कड़ी फटकार लगाई. अब यह फटकार कितनी कारगर साबित होगी, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा. पीलीभीत जिले में बहने वाली शारदा और देवहा नदी बरसात के दौरान उफान पर रहती है. हर साल इन नदियों से सटे इलाके बाढ़ की जद में आते हैं. ऐसे में शासन स्तर से बाढ़ से निपटने को लेकर हर संभव कवायद करने के निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए जाते हैं. लेकिन स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार कितने संजीदा हैं, इसकी बानगी आज पीलीभीत में देखने को मिली.कंट्रोल रूम से टेलीफोन ही गायब
पीलीभीत जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कैंपस स्थित बाढ़ कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण किया. दोपहर करीब एक बजे डीएम अचानक मुख्य राजस्व लेखाकार कार्यालय पहुंचे. उन्होंने मौके पर मौजूद लिपिक से बाढ़ कंट्रोल रूम का नंबर पूछा. नंबर मिलाया तो फोन नहीं लगा. इसके बाद डीएम कंट्रोल रूम में पहुंचे. वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मौजूद मिला, लेकिन कंट्रोल रूम से टेलीफोन ही गायब था. यह मंजर देख डीएम भी दंग रह गए और कड़ी नाराजगी जाहिर की. निरीक्षण के बाद जिला आपदा कार्यालय के पास स्थित सार्वजनिक शौचालय पर डीएम की नजर पड़ी. शौचालय की गंदगी और टूटफूट देखकर भी डीएम काफी नाराज हुए.
पहाड़ों पर बरसात के बाद शारदा नदी में उफान देखने को मिलने लगता है. ऐसे ही कुछ स्थिति शहर के किनारे बहने वाली देवहा नदी में देखने को मिलती है. कलीनगर और पूरनपुर तहसील क्षेत्र के चंदिया हजारा, राहुल नगर, नौजलहा नकटा, गाभिया सहराई समेत तमाम गांव में लगभग हर साल बाढ़ आती है. बाढ़ की स्थिति अगले माह से बनने लगेगी.Location :Pilibhit,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshबाढ़ कंट्रोल रूम देख डीएम रह गए दंग, हेल्पलाइन नंबर खुद मांग रहा ‘हेल्प’