Last Updated:May 28, 2025, 15:29 ISTPilibhit News In Hindi : पीलीभीत में दो किसानों की मौत के बाद रेस्क्यू की गई बाघिन ‘मिट्ठी’ को 48 घंटे के मंथन और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद फिर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है. वन विभाग के इस फैसले …और पढ़ेंX
बाघिन को किया गया रिलीज.हाइलाइट्सबाघिन ‘मिट्ठी’ को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में रिलीज किया गया.बाघिन के हमले में 2 किसानों की मौत के बाद रेस्क्यू किया गया था.बाघिन को रेडियो कॉलर के साथ निगरानी में रखा गया है.पीलीभीत. बीते दिनों 2 किसानों की बाघ के हमले में मौत के बाद वन विभाग ने बाघिन ‘मिट्ठी’ का रेस्क्यू किया था. बाघिन के स्वास्थ्य परीक्षण और घंटों के मंथन के बाद बाघिन को एक बार फिर से प्राकृतिक वास स्थल दिया गया है. बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की एक रेंज में रिलीज़ किया गया है.
दरअसल, बीते दिनों पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 2 अलग-अलग गांवों में 2 किसानों की बाघ के हमले में जान गई थी. वन महकमे की ओर से मामले में निगरानी टीमें गठित की गई. वैसे तो पूरा मामला शाहजहांपुर वन प्रभाग की खुटार रेंज के अन्तर्गत आता है. लेकिन वन विभाग के बड़े अधिकारियों की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम को बाघिन के रेस्क्यू की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.
48 घंटों तक चला मंथनरविवार देर शाम बाघिन को रेस्क्यू कर लिया गया, जिसके बाद उसे निगरानी के लिए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के सेफ हाउस में रखा गया था. 2 दिनों तक चले मंथन के बाद बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ही रिलीज किया गया है. वहीं वन अफसरों का कहना है कि बाघिन पूर्ण रूप से स्वस्थ है.
बाघिन डाल सकती है फिर खेतों में डेरा?बीते वर्ष पीलीभीत में एक बाघिन दुनियाभर में चर्चा का केंद्र बनी थी. वजह था घंटों तक हजारों की भीड़ के बीच शांत स्वभाव के साथ बैठना. बाघिन की निगरानी के लिहाज से उसके गले में रेडियो कॉलर भी लगाया गया था. लेकिन बाघिन कुछ दिन बीतने के बाद ही बाघिन घने जंगलों से निकलकर आबादी के बीच आ पहुंची थी. इस बाघिन के बाद भी वन विभाग के लिए यही सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व की एक रेंज में रिलीज किया गया है.
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