दिवाली पर उल्लू देखने की चाहत आपको महंगी पड़ सकती है. भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लू के अवैध शिकार या प्रतिबंधित क्षेत्रों में उल्लू के पास जाने पर जेल हो सकती है और संपत्ति कुर्क होने तक के कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
दीपावली का पर्व शुरू हो चुका है, वैसे तो दीपावली को खुशियों का त्योहार माना जाता है. मगर चंद मुनाफ़े के लिए लोगों ने समाज में तरह तरह के अंधविश्वास प्रचलित किए हुए हैं. जिसमें फंस कर लोग जाने अंजाने जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसा करना न केवल दंडनीय अपराध है बल्कि एक तरह से प्रकृति का निरादर भी है. उल्लुओं को सबसे अधिक खतरा होता है क्योंकि दिवाली पर अंधविश्वास के कारण सबसे अधिक खतरा उल्लुओं को होता है. कई जगहों पर यह गलत धारणा प्रचलित है कि उल्लू की बलि या उसके अंगों का तंत्र-मंत्र में प्रयोग करने से धन और समृद्धि आती है, जबकि उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। इस अंधविश्वास के चलते दिवाली के आसपास उल्लुओं का अवैध शिकार और तस्करी बढ़ जाती है.
भारत विविधताओं का देश माना जाता है और हर पर्व को मनाने का अलग अलग इलाकों में अपना तरीक़ा होता है. अगर दीपावली की ही बात करें तो इसको लेकर भी अलग अलग इलाकों में अपनी मान्यताएं हैं. अगर उत्तर भारत की बात करें तो यहां दीपावली के दिन कई पशु पक्षियों के दर्शन को शुभ माना जाता है. इतना ही नहीं कई अंधविश्वासों के चलते तो लोग इन पशु पक्षियों का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी करते हैं जिसके नतीजे में बेजुबानों की जान जाती है.
पीलीभीत वन एवं वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय निदेशक भरत कुमार डीके ने बताया कि दीपावली के दौरान तमाम तरह के अंधविश्वास प्रचलित होते हैं. जिनके चलते बड़े पैमाने पर वन्यजीवों की तस्करी के मामले देखे जाते हैं. आमजन से हमारी अपील है कि किसी भी तरह के अंधविश्वास के चलते प्रकृति को नुक्सान न पहुंचाएं. वहीं ऐसे लोग जो तस्करी या फिर शिकार जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं उनके लिए भी यह चेतावनी है कि अगर कोई भी व्यक्ति शिकारी फिर तस्करी करते पाया गया तो भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं वन विभाग के पास कई मामलों में संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है.
अगर आपके आसपास भी ऐसी गतिविधियां चल रही है तो कृपया कर वन विभाग को सूचित करें. इसके लिए आप प्रभागीय निदेशक से 7839435121, क्षेत्रीय वन अधिकारी पीलीभीत से 9473653055, क्षेत्रीय वन अधिकारी पूरनपुर से 7080642470, क्षेत्रीय वन अधिकारी बीसलपुर से 7906027087 पर संपर्क कर सकते हैं. सूचना देने वाले को उचित इनाम दिया जाएगा और उनके नाम और पहचान गोपनीय रखी जाएगी.