Pilibhit News: बाघों की धरती पर होगा टाइगर डे का ग्रैंड सेलिब्रेशन, देशभर से जुटेंगे वन्यजीव विशेषज्ञ, इस दिन लगेगा मेला

admin

क्लास में बच्चों के साथ पढ़ रही थी नागिन, जैसे ही मिली नजर...हुआ कुछ ऐसा!

पीलीभीत: बाघों की धरती के नाम से मशहूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व (PTR) एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (Global Tiger Day), जिसका राष्ट्रीय स्तर का मुख्य आयोजन इस बार पीलीभीत में होने जा रहा है. 29 जुलाई को होने वाले इस आयोजन में देशभर के टाइगर रिजर्व से अधिकारी, विशेषज्ञ और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोग शामिल होंगे.

हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है ताकि लोगों में बाघों के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. इस मौके पर सभी टाइगर रिजर्व अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम करते हैं, लेकिन हर साल एक जगह राज्य स्तरीय भव्य आयोजन भी होता है. इस बार इस भव्य आयोजन की जिम्मेदारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व को सौंपी गई है.

तैयारी में जुटा पीटीआर प्रशासन
शासन से निर्देश मिलते ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी हैं. कार्यक्रम स्थल, मेहमानों की सूची, चर्चा के मुद्दे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है. इस दिन बाघों के संरक्षण, उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा, टाइगर कॉरिडोर, मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की जाएगी.

इस आयोजन में वन विभाग के आला अधिकारी, पर्यावरणविद, वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट्स और कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. वहीं, स्कूली बच्चों और पर्यटकों के लिए विशेष प्रदर्शनियां और जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे.

बाघों की दोगुनी आबादी
बाघ संरक्षण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का नाम देश ही नहीं, दुनियाभर में सम्मान से लिया जाता है. यही वजह है कि उसे TX2 अवार्ड भी मिल चुका है. यह अवार्ड केवल उन्हें मिलता है जिन्होंने निर्धारित समय से पहले बाघों की संख्या दोगुनी कर ली हो.

सिर्फ चार साल में बाघों की आबादी दोगुनी कर लेना कोई छोटी बात नहीं है. आज यहां 71 से ज्यादा बाघ हैं, और यही नहीं, इन बाघों की कद-काठी और ताकत देश-दुनिया में मशहूर है. नदियां और नहरें टाइगर रिजर्व को और भी खूबसूरत और जीवनदायी बनाती हैं, जिससे यहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं.

वन्यजीव प्रेमियों में खास उत्साहइस आयोजन की घोषणा के बाद से ही वन्यजीव प्रेमियों, फोटोग्राफरों और नेचर टूरिज्म से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है. यह कार्यक्रम न सिर्फ जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि पीलीभीत की टूरिज्म और पारिस्थितिकीय पहचान को भी मजबूती देगा.

Source link