दरअसल, 21 दिसंबर 2013 को बाराबंकी के परिवहन विभाग ने डॉक्टर अलका राय के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जालसाजी का मामला दर्ज होने के बाद जांच में डॉ. अलका राय ने कबूला था कि मुख्तार अंसारी के आदमी उनके पास कुछ दस्तावेज लेकर आए थे, जिस पर उन्होंने डर के चलते दस्तखत कर दिए थे.
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ममता बनर्जी ने टीएमसी के मुखपत्र की खबर को खारिज किया, कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एसआईआर फॉर्म नहीं प्राप्त किए
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने विशेष गहन समीक्षा (एसआईआर) के…

