Symptoms of Petticoat Cancer: भारत समेत पूरे उप-महाद्वीप में महिलाओं का अगर कोई पसंदीदा परिधान है तो वह साड़ी है. इसे पूरे उप-महाद्वीप में सभी उम्र और संस्कृतियों की महिलाएं पसंद करती हैं. लेकिन बहुत कम महिलाएं जानती होंगी कि उनका यह पसंदीदा परिधान आपको कैंसर की बीमारी भी दे सकता है. जी हां, इस कैंसर का नाम पेटीकोट कैंसर, जो धीरे-धीरे महिलाओं में जड़ जमा रहा है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं रोजाना साड़ी पहनती हैं. उन्हें यह कैंसर प्रभावित कर सकता है. यह कैंसर आम तौर पर पेट या कमर को प्रभावित करता है. इसकी वजह पेटीकोट को कसकर बांधने वाला नाड़ा होता है.
पेटीकोट कैंसर क्या है?
डॉक्टरों के मुताबिक, पेटीकोट कैंसर को वैज्ञानिक भाषा में मार्जोलिन अल्सर भी कहा जाता है. यह एक दुर्लभ प्रकार का स्किन कैंसर है जो कमर के आसपास उन लोगों में दिखाई देता है, जो कसकर पेटीकोट या पायजामा पहनते हैं. कसकर बंधे नाड़े की वजह से लगातार घर्षण और दबाव पड़ता है. जिससे कमर में दीर्घकालिक जलन, रंग में परिवर्तन और अल्सर हो सकता है. यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो स्क्वैमस सेल कैंसर की वजह बन सकता है.
पेटीकोट कैंसर के लक्षण
अगर पेटीकोट कैंसर के लक्षणों की बात की जाए तो सबसे प्रमुख लक्षण कोई ऐसा घाव होता है, जो उचित उपचार के बावजूद ठीक नहीं होता है. धीरे-धीरे यह घाव अचानक बड़ा या गहरा हो सकता है. इस घाव के किनारे उभरे हुए, मुड़े हुए या मोटे हो सकते हैं और उनसे खून बहना शुरू हो सकता है. इस घाव में मवाद भी बन सकती है, जिससे तेज दर्द होना शुरू हो सकता है.
क्यों होता है पेटीकोट कैंसर?
डॉक्टरों के मुताबिक, पेटीकोट कैंसर या मार्जोलिन अल्सर सीधे पेटीकोट पहनने से नहीं होता है. इसकी असल वजह कमर पर पहले से कोई पुराना घाव, सूजन या गांठ होती है. उस स्थिति में अगर आप उसी घाव या सूजन के बाद पेटीकोट या पायजामे का नाड़ा कसकर बांधना शुरू करते हैं तो वह घाव फैल सकता है. साथ ही वह लाइलाज भी हो सकता है.
पेटीकोट कैंसर को कैसे रोकें?
डॉक्टरों के मुताबिक, अगर आप पेटीकोट कैंसर से बचना चाहते हैं तो कमर पर घाव, जलन या सूजन होने पर संबंधित डॉक्टर से मिलकर उसका इलाज शुरू करवाएं. इसके साथ रोजाना साड़ी के बजाय बीच-बीच में दूसरे परिधान भी पहनना शुरू करें, जो ढीले-ढालें हों, कमर पर घर्षण न करते हों और शरीर को पर्याप्त हवा लगती हो. बहुत ज्यादा टाइट बेल्ट या डोरी बांधने से बचें. अपनी कमर और बाकी शरीर की त्वचा की नियमित जांच करते रहें. अगर आपके कमर पर मौजूद कोई घाव ठीक नहीं हो रहा है तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलकर उसका उपचार करवाएं.
पेटीकोट कैंसर का इलाज कैसे होता है?
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक, पेटीकोट कैंसर का प्राथमिक उपचार सर्जिकल एक्सीजन है. इसमें स्किन के स्वस्थ टिश्यूज को छोड़कर रोगग्रस्त ट्यूमर को सर्जरी के जरिए बाहर निकाल दिया जाता है. कुछ स्थितियों में, शेष कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने या पुनरावृत्ति की संभावना को कम करने के लिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी भी की जाती है. इसके साथ ही रिकवरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रभावी खानपान भी सुनिश्चित किया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.