उत्तर प्रदेश में PET परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थियों का खुलासा
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में परीक्षा केंद्रों पर फर्जी अभ्यर्थियों का खुलासा हुआ है. जिले के दो परीक्षा केंद्रों पर पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए दो युवकों को पकड़ लिया. दोनों युवक असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने पहुंचे थे. यह घटना न केवल परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि परीक्षार्थियों की हकीकत भी सामने लाती है.
मामला मिर्जापुर के सुंदर समुद्र राजकीय इंटर कॉलेज का है. परीक्षा के दौरान जब बायोमेट्रिक मिलान किया गया तो दोनों अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान बार-बार फेल हो गए. इससे परीक्षा केंद्र पर तैनात अधिकारियों को संदेह हुआ. जब गहन जांच और पूछताछ हुई तो पूरा मामला उजागर हो गया.
पहला मामला प्रतापगढ़ जिले का है. यहां सर्वेश नामक अभ्यर्थी की जगह उसका भाई राजेश परीक्षा देने पहुंचा था. जांच में पता चला कि राजेश वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज, प्रतापगढ़ में सहायक शोध अधिकारी के पद पर तैनात है. राजेश ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अपने भाई के नाम से प्रवेश पत्र लिया और परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया. लेकिन बायोमेट्रिक जांच में उसकी पोल खुल गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
दूसरे मामले में, राहुल नामक उम्मीदवार की जगह उसका दोस्त अखंड परीक्षा देने पहुंचा. उसने भी फर्जी पहचान का सहारा लेकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने की कोशिश की. लेकिन जब बायोमेट्रिक मिलान बार-बार असफल हुआ तो उस पर भी पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की. आखिरकार उसने सारा सच कबूल कर लिया और तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.
परीक्षा में पकड़े गए दोनों फर्जी अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. फिलहाल उनके खिलाफ नकल अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. वहीं प्रशासन ने भी परीक्षा की सुरक्षा और जांच व्यवस्था को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं.
इस घटना ने एक बार फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं लाख कोशिशों के बावजूद फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आ रही हैं. हालांकि, इस बार बायोमेट्रिक व्यवस्था ने अहम भूमिका निभाई और दोनों फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए.