Uttar Pradesh

‘पेट बहुत जालिम है, कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा..’, जानें कड़ाके की ठंड में काम की तलाश में बैठे मजदूरों का दर्द



लखनऊ. यूपी राजधानी लखनऊ में इन दिनों शीतलहर और कोहरे की वजह से लोग हीटर-ब्लोअर का सहारा लेकर सर्दी से बचाव कर रहे हैं.वहीं, स्कूलों में छुट्टी हो चुकी है. जबकि कुछ लोग इस मौसम का अपनों के साथ लुत्फ भी उठा रहे हैं, लेकिन कुछ लखनऊ की सड़कों पर सुबह-सुबह खून जमा देने वाली सर्दी में दो वक्त की रोटी कमाने के लिए खड़े हुए नजर आ जाते हैं.न्‍यूज़ 18 लोकल की टीम ने आसमान से बरसती हुई ओस में कई मजदूरों को खड़ा देखा, तो उनकी मजबूरी जानी. इस दौरान भावुक होते हुए मजदूर सुखदेव ने बताया कि उनकी तीन बेटियां और पत्नी है. सबका पालन पोषण उनकी ही जिम्मेदारी है. ऐसे में सुबह-सुबह आलमनगर से कई किलोमीटर तय करके साइकिल से लखनऊ के राजाजीपुरम आते हैं , क्योंकि यहां पर ज्यादा ग्राहक मिल जाते हैं. सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक यहीं खड़े रहते हैं. परिवार को पालना है, इसीलिए खुद की परवाह किए बिना कड़ाके की सर्दी में साइकिल लेकर निकल जाते हैं. वह कहते हैं कि पेट बहुत जालिम है, इसके लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा.घर में कोई नहीं है कमाने वालावहीं, मजदूर रामशंकर ने बताया कि वह घर बनाते हैं. पिछले 3 महीने से कोई काम ही नहीं मिल रहा है. जैसे-तैसे घर चल रहा है. परिवार में अकेले कमाने वाले हैं. ऐसे में कड़ाके की सर्दी हो या मूसलाधार बारिश, उन्हें तो रोजी-रोटी की तलाश में घर से निकल ही पड़ता है. मजदूर सुरेश ने बताया कि लखीमपुर से लखनऊ आएं, ताकि काम अच्छा मिल जाए, लेकिन सर्दी के मौसम में यहां तो बहुत ही बुरा हाल है. 70 साल से भी ज्यादा की उम्र के सुरेश कहते हैं कि अगर सुबह-सुबह काम की तलाश में नहीं निकलेंगे, तो बीवी बच्चे भूखे मर जाएंगे.वहीं, एक अन्‍य मजदूर अरविंद ने बताया कि वह पेंटर है. घरों को पेंट करते हैं. दिवाली और होली में तो अच्छा काम मिल जाता है, लेकिन इन दिनों कड़ाके की सर्दी होने की वजह से कोई भी अपने घर पर पुताई रंगाई नहीं करा रहा है. इसके बावजूद दो वक्त की रोटी कमा सकें इसीलिए यहां सर्दी में आ जाते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 17, 2023, 15:12 IST



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