Last Updated:August 04, 2025, 16:58 ISTLucknow News : PDA पाठशाला को लेकर शुरू हुआ विवाद अब यूपी की सियासत में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के तीखे तेवरों और सरकार पर सीधे हमले ने इस मामले को और गरमा दिया है. समाजवादी पार्टी इस…और पढ़ेंPDA पाठशाला का विवाद, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्जर को लेकर चढ़ाराजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. समाजवादी पार्टी ने ‘पीडीए पाठशाला’ के बहाने प्रदेश की योगी सरकार को घेरते हुए इसे दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के खिलाफ साजिश करार दिया है. गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक पोस्ट के जरिए यूपी सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से करते हुए कहा कि भाजपा शासन में शिक्षा व्यवस्था पर सुनियोजित हमला हो रहा है.
समाजवादी पार्टी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 27000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के योगी सरकार के फैसले से मासूम बच्चों के साथ शिक्षकों का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है. सरकारी स्कूलों का मर्जर कर ऐसे तबकों के बच्चों को पढ़ाई से दूर किया जा रहा है, जिनके पास पहले से ही संसाधनों की कमी है. पार्टी का आरोप है कि यह फैसला संविधान की भावना के खिलाफ है और इससे शिक्षा के अधिकार पर सीधा आघात होता है.
ओबीसी और दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश
वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय का कहना है कि यह सिर्फ स्कूलों के विलय का मामला नहीं है, बल्कि समाजवादी पार्टी इसे अपने पारंपरिक वोट बैंक खासकर ओबीसी और दलित वर्ग तक एक सियासी संदेश के तौर पर पेश कर रही है. समाजवादी पार्टी लगातार इस बात का प्रचार करने में लगी है कि ओबीसी और दलित समाज अगर पढ़ाई लिखाई में पीछे होगा तो उसकी तर्क की क्षमता चली जाएगी. गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को दलित और ओबीसी मतदाताओं का साथ मिला था. ऐसे में समाजवादी पार्टी सोच रही है कि इसका लाभ 2027 की चुनाव में भी मिल सकता है.
शिक्षा से वंचित करना चाहती है सरकारपार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जो काम अंग्रेज नहीं कर सके, वह भाजपा सरकार कर रही है. सरकार जानबूझकर पीडीए समाज के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है. समाजवादी पार्टी इस दमन के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करती रहेगी.
सपा देती रहेगी ऐसे मुद्दों को हवागौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को ओबीसी और दलित वर्ग से अच्छी राजनीतिक बढ़त मिली थी. ऐसे में पार्टी इस वर्ग को 2027 के विधानसभा चुनाव तक अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नैरेटिव को धार दे रही है. समाजवादी पार्टी ग्रास रूट तक यह संदेश देना चाहती है कि स्कूलों के मर्जर के नाम पर सरकार दलित ,ओबीसी और अल्पसंख्यकों के बच्चों को पढ़ने नहीं देना चाहती है. फिलहाल, स्कूलों के मर्जर और शिक्षा नीति को लेकर यह विवाद प्रदेश की राजनीति में नया मोर्चा खोल रहा है, जहां सामाजिक न्याय, शिक्षा और सियासत की रेखाएं एक-दूसरे से टकरा रही हैं.Location :Lucknow,Lucknow,Uttar PradeshFirst Published :August 04, 2025, 16:56 ISThomeuttar-pradesh’PDA पाठशाला’ है बहाना… 2027 है निशाना! अखिलेश यादव के तेवरों से चढ़ा यूपी..