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‘पापा मुझे स्कूल नहीं, DM अंकल के पास जाना है’, इस IAS अफसर से मिलने के लिए छोटी सी बच्ची ने की मासूम जिद – Uttar Pradesh News

Last Updated:December 25, 2025, 09:29 ISTDeepak Meena IAS Story: आईएएस दीपक मीणा उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित सरकारी अफसरों की लिस्ट में शामिल हैं. लेकिन इस बार न तो उनकी नई पोस्टिंग की चर्चा है और न ही यूपीएससी सक्सेस स्टोरी की. दरअसल, एक छोटी बच्ची स्कूल बंक करके आईएएस दीपक मीणा से मिलने पहुंची थी. इस बार सुर्खियों में यही वाकया है.Deepak Meena IAS Story: यूकेजी की बच्ची दीपक मीणा की तरह आईएएस अफसर बनना चाहती हैनई दिल्ली (Deepak Meena IAS Story). सरकारी दफ्तरों के बाहर लोग अपनी समस्याओं और शिकायतों की लंबी फाइलें लेकर अक्सर नजर आते हैं. लेकिन गोरखपुर के डीएम ऑफिस में हाल ही में एक ऐसा मंजर दिखा, जिसने सबको चौंका दिया. कड़ाके की ठंड और स्कूल जाने के समय एक छोटी सी बच्ची अपने स्कूल बैग के साथ डीएम दीपक मीणा के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी. वह किसी समस्या के समाधान के लिए नहीं, बल्कि अपने ‘हीरो’ से मिलने आई थी. यूकेजी में पढ़ने वाली जिज्ञासा की इस मासूम जिद ने न केवल उसके पिता को हैरान कर दिया, बल्कि जब यह खबर अंदर चैंबर तक पहुंची तो डीएम साहब भी खुद को रोक नहीं पाए.

यह कहानी सिर्फ एक मुलाकात की नहीं है, बल्कि उस प्रेरणा की है जो ईमानदार और कर्मठ अधिकारी समाज में फैलाता है, गोरखपुर के डीएम दीपक मीणा IIT खड़गपुर से पासआउट हैं. वे युवाओं और बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. उनकी सादगी और जनता से सीधे जुड़ाव का ही असर है कि एक छोटी सी बच्ची ने उन्हें अपना आदर्श बना लिया है. मौजूदा दौर में जहां बच्चे कार्टून कैरेक्टर के पीछे भागते हैं, वहां एक प्रशासनिक अधिकारी को अपना रोल मॉडल मानना समाज में आ रहे पॉजिटिव बदलाव का संकेत है. जानिए कौन है जिज्ञासा, जो स्कूल बंक कर डीएम अंकल से मिलने पहुंच गई.

जीत गई बच्ची की जिद
गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय में एक सुबह तब हलचल मच गई, जब मासूम जिज्ञासा अपने पिता के साथ डीएम दीपक मीणा से मिलने की जिद लेकर पहुंची. जिज्ञासा के पिता उसे स्कूल छोड़ने जा रहे थे, लेकिन उसने साफ कह दिया कि उसे स्कूल नहीं जाना, बल्कि ‘डीएम अंकल’ से मिलना है. उसने कहा कि वह बड़ी होकर उनकी तरह ही आईएएस अफसर बनना चाहती है. जब डीएम दीपक मीणा को इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत बच्ची को अंदर बुलाया. उन्होंने न केवल जिज्ञासा से बातें कीं, बल्कि उसे चॉकलेट दी और खूब मन लगाकर पढ़ने की सलाह भी दी.

आईआईटी खड़गपुर से आईएएस तक: संघर्ष की राह
आईएएस दीपक मीणा की अपनी कहानी भी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. राजस्थान के मूल निवासी दीपक मीणा ने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उनके पास टाटा स्टील जैसी कंपनी में शानदार करियर और मोटी सैलरी का ऑप्शन था, लेकिन उनके अंदर देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. इसीलिए उन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू की. अपने तेज दिमाग और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2010 में सफलता हासिल की.

यूपी सीएम के गृह जनपद के जिलाधिकारी
2010 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक मीणा ने उत्तर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण जिलों में काम किया है. वर्तमान में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर की कमान संभाल रहे हैं. यहां वह विकास कार्यों और कानून व्यवस्था के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं के लिए भी जाने जाते हैं. जिज्ञासा के साथ उनकी मुलाकात ने साबित कर दिया कि एक आईएएस अधिकारी अपनी कुर्सी से नहीं, बल्कि अपने व्यवहार से बड़ा बनता है. इतनी छोटी सी बच्ची भी उनके बारे में जानती है और उनके जैसा बनना चाहती है, यह बड़ी बात है.

About the AuthorDeepali PorwalWith more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academic sys…और पढ़ेंFirst Published :December 25, 2025, 09:29 ISThomecareer’मुझे DM अंकल के पास जाना है’, IAS से मिलने के लिए बच्ची की मासूम जिद

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