वाराणसी: प्रसिद्ध क्लासिकल गायक पद्मविभूषण पंडित चन्नूलाल मिश्रा की तबीयत अचानक खराब होने के बाद उन्हें बीते शनिवार रात को 11 बजे बीएचयू के सिर सुंदर लाल अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल के एक डॉक्टर ने रविवार शाम को जारी एक चिकित्सा बुलेटिन में बताया कि 89 वर्षीय मिश्रा को बुखार और श्वास लेने में कठिनाई के कारण यहां लाया गया था। उन्हें पहले से ही पिछले सात महीनों से बीमारी के कारण रामकृष्ण सेवा आश्रम अस्पताल मिर्जापुर में इलाज किया जा रहा था। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उन्हें बीएचयू के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके इलाज के लिए डॉक्टरों ने उन्हें टाइप-2 मधुमेह मेलिटस, उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोआर्थराइटिस और बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) के इलाज के लिए दवाएं दी जा रही थीं। इस बीमारी के दौरान उन्हें बिस्तर से घाव हो गए और इससे सेप्टीसीमिया की समस्या भी हो गई थी। इसके अलावा उन्हें एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) भी हो गया है। रविवार को उन्हें नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर सपोर्ट और उचित एंटीबायोटिक थेरेपी, इंसुलिन और अन्य सहायक उपचार के साथ इलाज किया जा रहा है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उनके जीवन संकेतकों में स्थिरता के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और उनकी स्थिति को देखते हुए एक टीम के विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं। अस्पताल के बुलेटिन जारी होने से पहले बीएचयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर अजित चतुर्वेदी ने आईसीयू के बेड नंबर 15 पर जाकर मिश्रा की स्थिति का जायजा लिया और उनकी बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। पहले उन्हें रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल मिर्जापुर में दो दिन पहले भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी तबीयत अचानक खराब होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें बीएचयू के अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया। उनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर प्रोफेसर एसएन संकरवार ने उनके इलाज के लिए टीम को मौके पर तैनात किया और उनके इलाज की निगरानी की। पंडित चन्नूलाल मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान वाराणसी में प्रस्तावित किया था। उन्हें 2020 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था, जबकि उन्हें 2010 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए ‘नवरत्न’ नामित किया था।

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