Oversleeping Alert Do You Sleep More Than 8 Hours If Yes Know the Hidden Risks | Oversleeping Alert: क्या आप भी 8 घंटे से ज्यादा लेते हैं नींद, जवाब हां है तो जान लीजिए खतरा!

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Oversleeping Alert Do You Sleep More Than 8 Hours If Yes Know the Hidden Risks | Oversleeping Alert: क्या आप भी 8 घंटे से ज्यादा लेते हैं नींद, जवाब हां है तो जान लीजिए खतरा!



Side Effects of Oversleeping: हम सभी तो जानते हैं कि कम सोना सेहत के लिए हानिकारक होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ज्यादा सोना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में जहां बहुत से लोग 8 घंटे की नींद नहीं ले पा रहे हैं वहीं कुछ लोग हैं जो जरूरत से ज्यादा सो रहे हैं. हैरानी की बात तो ये भी है कि ज्यादा नींद लेने के बाद भी उनका शरीर फ्रेश फील नहीं करता है. ज्यादा नींद लेने से भी आपकी सेहत के लिए उतना ही नुकसानदायक हो सकता है, जितना कम सोना. आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि ओवरस्लीपिंग से क्या क्या खतरा हो सकता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
नींद का असर सीधा सेहत पर पड़ता है. कम या ज्यादा सोना दोनों ही ठीक कंडीशन सही नहीं है. एक रिसर्च में सामने आया कि 58% लोग रात में 11 बजे के बाद सोते हैं. 88% लोग रात में कई बार उठते हैं. देश में हर 4 में 1 शख्स को कम नींद या अनिद्रा की परेशानी होने लगी है. सिर्फ 35% लोग 8 घंटे की पूरी नींद ले पाते हैं. जहां पर्याप्त नींद शरीर और मन को रिलैक्स करती है और दिमाग के शक्ति को बढ़ावा देती है. वहीं ज्यादा सोने से शरीर में आलसपन, फोकस और कंसंट्रेशन में कमी, शरीर में दर्द, सिरदर्द, समेत दूसरी समस्या हो सकती है. आइए जानते हैं ज्यादा सोने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं.
हाल ही में हुए अमेरिका और यूरोप के हेल्थ रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग हर दिन 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उनमें हार्ट डिजीज, डायबिटीज, स्ट्रोक और दूसरी खतरनाक बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. इसके चलते इनकी मृत्यु दर भी सामान्य लोगों के मुकाबले ज्यादा हो गई. रिसर्च मे यह भी सामने आया कि अगर कोई व्यक्ति हर दिन 8-9 घंटे से ज्यादा सो रहा है, तो उसका अचानक या जल्दी मौत का खतरा 34 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
कितने घंटे सोना है सेहत के लिए सही?हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक 18 से 60 साल के व्यक्ति को हर दिन 7 से 8 घंटे सोना चाहिए. यह समय शरीर के रिकवरी, दिमाग की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सही होता है. वहीं 9 घंटे से ज्यादा सोना शरीर को आलसी, कमजोरी बनाता है. साथ ही मानसिक और शारीरिक परेशानियों को बढ़ावा देता है.
ओवरस्लीपिंग के कई कारण  
कुछ लोगों को पर्याप्त आराम न मिलने के कारण ज्यादा नींद की जरूरत पड़ती है. कई बार कई दिनों तक बीमार रहने के कारण, कई दिनों तक अच्छी नींद न आने के कारण, मानसिक थकान या फिर किसी बात की टेंशन होने पर भी व्यक्ति ज्यादा लम्बे समय तक सोता रहता है. नशीली दवाइयों का इस्तेमाल, शराब या सिगरेट पीने के कारण भी लोगों को ज्यादा समय तक नींद आती है.
इसके साथ ही फिजिकल एक्टिव न होना या मोटापा भी ओवरस्लीपिंग का कारण बन सकता है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को लगातार ओवरस्लीपिंग की समस्या आ रही है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यह किसी नींद की बीमारी या फिर शरीर में होने वाली दूसरी बीमारी का संकेत हो सकता है.
ओवरस्लीपिंग को कैसे रोकें
ज्यादातर ओवरस्लीपिंग की समस्या मानसिक कारणों से होती है. ऐसी स्थिति में आपको इस पर विचार करना चाहिए. जिससे ओवरस्लीपिंग को कम किया जा सके. लेकिन अगर आप बीमार हैं तो आपको आराम के लिए ज्यादा नींद की जरूरत है. इसके उलट अगर आपको ज्यादा सोने का कारण पता नहीं है और आप हर दिन ओरस्लीपिंग कर रहे हैं, तो आपको जल्द से जल्द हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए.
ज्यादा नींद के ये हैं नुकसानहार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों खतरा भी बढ़ सकता है.मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है जिससे मोटापा जैसी समस्या हो सकती है.डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या भी होने की आशंका ज्यादा हो जाती है.शरीर में थकान और आलसपन बना रहता है.ब्रेन फंक्शन धीमा या कमजोर होने का खतरा रहता है, इससे याददाश्त कमजोर होने लगती है.
इस बात का जरूर रखें ध्यानशरीर फिट रहे इसके लिए जरूरी है कि डेली समय पर सोएं और 8 घंटें की नींद लें.प्रयास करें कि सोने से पहले स्मार्ट फोन या स्मार्ट स्क्रीन का उपयोग कम से कम करें.ज्यादा भारी खाना खाने से बचें.अगर 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी थकान दूर नहीं हो रही है तो किसी हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें.
नींद लेना जरूरी है लेकिन कम या ज्यादा नींद लेने के भी नुकसान हैं. इसलिए हर दिन 7-8 घंटे की अच्छी और गहरी नींद लेना सबसे बेहतर है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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