ऑपरेशन सिंदूर…, सेना की फायरिंग रेंज में अतिक्रमण! हाईकोर्ट ने एलडीए से पूछा- अब तक क्या किया?

लखनऊ के अर्जुनगंज में सेना की फायरिंग रेंज पर अवैध कब्जों को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने एलडीए और राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि अब तक अतिक्रमण रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए. मामला अब केवल जमीन का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का बन गया है.

हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में हुई सुनवाई में कोर्ट ने एलडीए से पूछा, ‘जब अतिक्रमण हो रहा था, तब आप सो रहे थे क्या?’ यह सवाल इसलिए किया गया क्योंकि 2011 में ब्रिगेडियर तिरबनी प्रसाद ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि फायरिंग रेंज में अतिक्रमण हो रहा है और इससे सेना की ट्रेनिंग में बाधा आ रही है.

केंद्र सरकार ने भी साफ-साफ कह दिया, ‘अर्जुनगंज फायरिंग रेंज “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी रणनीतिक तैयारियों के लिए बेहद अहम है और रेंज में लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेनिंग का टलना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.’ यह बातें कोर्ट के सामने रखी गईं.

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि एक टीम सर्वे के लिए तैनात की गई है और रेंज की अधिसूचना बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नाकाफी बताया और सीधे सवाल कर पूछ लिया कि एलडीए अब तक क्या करता रहा.

पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा था कि सेना बार-बार कहती रही, लेकिन सरकार और एलडीए ने आंखें बंद रखीं. अब हाल ये है कि फायरिंग नहीं हो पा रही है. कोर्ट ने कहा कि ये मामले केवल जमीन के नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हुए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 3 सितंबर के लिए तय की है, जिसमें सभी संबंधित विभागों को अपने स्टैंड और अब तक की कार्रवाई की स्पष्ट जानकारी देने को कहा गया है.