चंदौली: जिले के किसानों के लिए कृषि विभाग ने महत्वपूर्ण सूचना जारी की है. राजकीय बीज गोदामों पर गेहूं, मसूर, मटर और सरसों के उन्नत बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन 30 नवंबर 2025 के बाद इन पर मिलने वाला 50 प्रतिशत अनुदान बंद हो जाएगा. गेंहू के बीज चंदौली में रबी सीजन की बुवाई शुरू हो चुकी है और इसी बीच किसानों के लिए जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव की ओर से एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है. उन्होंने बताया कि राजकीय बीज गोदामों पर विभिन्न फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन अनुदान का लाभ केवल 30 नवंबर 2025 तक ही प्राप्त किया जा सकता है. इसके बाद बीजों पर मिलने वाला 50 प्रतिशत अनुदान समाप्त हो जाएगा, इसलिए सभी किसान जल्द से जल्द बीज खरीदकर बुवाई का कार्य पूरा कर लें.
गेहूं की उन्नत प्रजातियां उपलब्ध- PBW-343 से लेकर HD-3298 तक कृषि अधिकारी के अनुसार जिले के सभी बीज गोदामों पर गेहूं की कई उन्नत और उच्च उत्पादक किस्में उपलब्ध हैं. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं- PBW-343, DBW-222, DBW-187, WH-1270, HD-3298. अब तक सरकारी गोदामों से 4024 क्विंटल गेहूं, 99.40 क्विंटल मटर, 129 क्विंटल मसूर, 15 क्विंटल सरसों और 340 क्विंटल मसूर की बिक्री अनुदान के तहत की जा चुकी है.
निःशुल्क मिनीकिट का वितरण जारी, मसूर और चना उपलब्ध भारत सरकार की ओर से जिले को मसूर के कुल 2468 मिनीकिट आवंटित हुए थे, जिनमें से 1516 पैकेट अभी भी शेष हैं और यह किसानों को निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं. इसके अलावा चना के 200 मिनीकिट भी गोदामों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें सभी केंद्रों पर समान मात्रा में बांटा जा चुका है, जो किसान मसूर या चना की बुवाई करना चाहते हैं, वे तुरंत बीज गोदाम से संपर्क कर इन मिनीकिटों को प्राप्त कर सकते हैं.
देरी से बुवाई पर होगा बड़ा नुकसान जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को चेतावनी दी है कि गेहूं की बुवाई का उपयुक्त समय तेजी से बीत रहा है. यदि बुवाई देर से की जाती है, तो प्रति हेक्टेयर प्रतिदिन 30 से 40 किलोग्राम उत्पादन घट जाता है. इससे फसल की लागत बढ़ती है और शुद्ध लाभ कम हो जाता है. इसलिए किसानों से अपील की गई है कि वे अंतिम तिथि से पहले अनुदानित बीज अवश्य प्राप्त कर लें ताकि उत्पादन में गिरावट न आए.
कृषि विभाग की अपील: समय और सुविधा दोनों का रखें ध्यान कृषि विभाग ने बताया कि गोदामों पर भीड़ बढ़ने से बचने के लिए किसान जल्द से जल्द बीज लेने पहुंचे. अनुदान की सुविधा सीमित अवधि के लिए है और निःशुल्क मिनीकिट भी पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर दिए जा रहे हैं.

