भारत में सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर और महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कम से कम 70% महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की नियमित जांच कराने की सलाह देता है, परंतु भारत में केवल 1% महिलाएं ही इस महत्वपूर्ण जांच से गुजर रही हैं.
इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पेश किए गए अंतरिम बजट 2024 में एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि सरकार 9 से 14 साल की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देगी. सरकार का यह कदम महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है.सरकार का नया कदम कितना कारगर होगा?सरकार के इस कदम से सर्वाइकल कैंसर के मामलों में कमी आने की उम्मीद है. HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के विकास को रोकने में प्रभावी है. इस टीकाकरण से 9 से 14 साल की लड़कियों को HPV संक्रमण से बचाया जा सकेगा, जिससे भविष्य में उनमें सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना कम हो जाएगी. हालांकि, इस टीकाकरण के सफल होने के लिए यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां इस टीकाकरण का लाभ उठाएं.
सर्वाइकल कैंसर क्या है?सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर है. यह एक गंभीर बीमारी है जो महिलाओं में मृत्यु का प्रमुख कारण है. सर्वाइकल कैंसर मानव पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है. HPV एक यौन संचारित संक्रमण है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षणसर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक चरण में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:- योनि से असामान्य ब्लीडिंग, विशेष रूप से यौन संबंध के बाद- योनि से डिस्चार्ज- पीठ के निचले हिस्से में दर्द- पैरों में दर्द- बार-बार पेशाब जाना- सर्वाइकल कैंसर की जांच
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं, इनमें से सबसे आम तरीका पेल्विक टेस्ट और पेप टेस्ट है. पेल्विक टेस्ट में, डॉक्टर योनि और गर्भाशय ग्रीवा की जांच करता है. पेप टेस्ट में, डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा से एक नमूना लेता है और उसे प्रयोगशाला में टेस्ट के लिए भेजता है.
सर्वाइकल कैंसर का इलाजसर्वाइकल कैंसर के इलाज की विधि कैंसर के चरण पर निर्भर करती है. प्रारंभिक चरण में, कैंसर को अक्सर सर्जरी, रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी के संयोजन से ठीक किया जा सकता है. एडवांस चरण में, कैंसर का इलाज करना अधिक कठिन हो सकता है.



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