अगर आप दोपहर में आधे घंटे से ज्यादा की नींद लेने के आदी हैं, तो सतर्क हो जाइए. यह आदत आपको वक्त से पहले मौत की ओर ले जा सकती है. अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल द्वारा की गई एक नई रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस अध्ययन में करीब 86000 लोगों की नींद की आदतों और उनकी सेहत पर 11 वर्षों तक नजर रखी गई.
रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोज दोपहर में लंबी नींद लेते हैं या जिनकी नींद की समय-सीमा रोज बदलती रहती है, उनमें जल्दी मौत का खतरा ज्यादा होता है. अध्ययन में यह भी सामने आया कि यह खतरा उम्र, लिंग, बॉडी वेट, धूम्रपान, शराब सेवन या रात की नींद की मात्रा जैसी सामान्य स्वास्थ्य आदतों को ध्यान में रखने के बावजूद बना रहता है.
एक्सपर्ट का क्या मानना?विशेषज्ञों का मानना है कि दोपहर की लंबी और अनियमित नींद या तो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है या फिर यह शरीर की नेचुरल बायोलॉजिकल क्लॉक को बिगाड़ देती है. नींद का यह गड़बड़ाता पैटर्न आगे चलकर हार्ट डिजीज, डायबिटीज और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है.
कैसे हुए स्टडीइस अध्ययन में शामिल लोगों की औसत उम्र 63 वर्ष थी और सभी ने एक सप्ताह तक हेल्थ ट्रैकर पहना जिससे उनकी नींद की एक्टिविटी को मापा गया. 11 वर्षों की फॉलो-अप अवधि में इनमे से 5,189 लोगों की मृत्यु हो गई. इस आंकड़े ने वैज्ञानिकों को झकझोर कर रख दिया. रिसर्च का यह नतीजा ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) और अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन की उस सलाह के विपरीत है जिसमें दोपहर बाद और शाम से पहले झपकी लेने को फायदेमंद बताया गया था.
20% दोपहर में लेते हैं झपकीगौरतलब है कि यूके में हर पांच में से एक व्यक्ति दोपहर में झपकी लेता है, खासतौर पर वे लोग जो रात में पांच घंटे या उससे कम सोते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट सात से नौ घंटे की नींद को जरूरी मानते हैं, लेकिन अगर नींद की यह छोटी सी गलती (जैसे अनियमित या दोपहर की ज्यादा नींद) रोजमर्रा का हिस्सा बन जाए, तो यह आपकी जान भी ले सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.