विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक दुनियाभर में कैंसर के मामलों में 77% की चौंकाने वाली वृद्धि हो सकती है, जो 2022 के अनुमानित 2 करोड़ मामलों से बढ़कर 3.5 करोड़ तक पहुंच सकती है. इस डरावने अनुमान के बीच एक नई रिसर्च ने ब्लड कैंसर के पीछे छिपे एक हैरान कर देने वाले कारण का खुलासा किया है और वो कारण हमारी रोजमर्रा की डाइट में छिपा है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के विलमॉट कैंसर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया है कि “टॉरिन” (Taurine) नामक एक अमीनो एसिड, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है और जिसे हम मांस, मछली, अंडे जैसी चीजों के अलावा एनर्जी ड्रिंक व प्रोटीन सप्लीमेंट्स से भी प्राप्त करते हैं, ल्यूकेमिया के कैंसर सेल्स को बढ़ावा दे सकता है.
यह अध्ययन जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है. रिसर्च में यह देखा गया कि टॉरिन कैंसर सेल्स में जाकर ग्लाइकोलाइसिस (glycolysis) की प्रक्रिया को बढ़ाता है, जिससे कैंसर सेल्स को एनर्जी मिलती है और वे तेजी से बढ़ते हैं. खास बात यह रही कि जब वैज्ञानिकों ने टॉरिन को ल्यूकेमिया सेल्स में प्रवेश करने से रोका, तो कैंसर का बढ़ना रुक गया.
कौन से ब्लड कैंसर टॉरिन से प्रभावित हो सकते हैं?यह रिसर्च बताती है कि टॉरिन ट्रांसपोर्टर की उपस्थिति एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (AML), क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया (CML) और मायेलोडाइस्प्लास्टिक सिंड्रोम (MDS) जैसे ल्यूकेमिया के कई प्रकारों की ग्रोथ के लिए जरूरी होती है.
कितनी सेफ एनर्जी ड्रिंक्स और सप्लीमेंट्स?चूंकि टॉरिन एनर्जी ड्रिंक्स और कुछ कैंसर ट्रीटमेंट सप्लीमेंट्स में भी पाया जाता है, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि खासकर ल्यूकेमिया के मरीजों को हाई-डोज टॉरिन सप्लीमेंट लेने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. आपको बता दें कि यह रिसर्च कैंसर की जड़ों को समझने के लिए मेटाबॉलिक रीप्रोग्रामिंग जैसे नए क्षेत्रों को उजागर करती है. वैज्ञानिक अब इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे टॉरिन को ब्लड कैंसर सेल्स में प्रवेश करने से रोका जा सके.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.