One bad habit silently shrinking your brain even exercise is unable to stop the damage | दिमाग को चुपचाप कमजोर बना रही है आपकी ये आदत, एक्सरसाइज भी नहीं रोक पा रही नुकसान

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One bad habit silently shrinking your brain even exercise is unable to stop the damage | दिमाग को चुपचाप कमजोर बना रही है आपकी ये आदत, एक्सरसाइज भी नहीं रोक पा रही नुकसान



इस डिजिटल दौर में युवा घंटों कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं. पढ़ाई से लेकर ऑफिस का काम और फिर ओटीटी पर वेब सीरीज देखना या गेमिंग, हर एक्टिविटी में घंटों की लोग बैठे रहते हैं. लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लंबे समय तक बैठे रहना दिमाग के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकता है, चाहे आप नियमित रूप से एक्सरसाइज ही क्यों न करते हों.
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के मेमोरी एंड अल्जाइमर सेंटर द्वारा की गई इस स्टडी को ‘अल्जाइमर और डिमेंशिया’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है. इसमें सात सालों तक बड़ी उम्र के लोगों पर अध्ययन किया गया और पाया गया कि जो लोग रोजाना औसतन 13 घंटे बैठे रहते हैं, उनके दिमाग के वॉल्यूम यानी आकार में कमी देखी गई, भले ही वे हफ्ते में 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हों.
अल्जाइमर डिजीज रिस्क फैक्टरखासकर APOE-e4 जीन रखने वाले प्रतिभागियों में यह प्रभाव और भी ज्यादा गंभीर देखा गया. यह जीन अल्जाइमर डिजीज के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर माना जाता है. इन लोगों के दिमाग के फ्रंटल और पेराइटल लोब्स में ग्रे मैटर की उल्लेखनीय कमी देखी गई, जो फैसले लेने और याददाश्त से जुड़े हिस्से हैं. इस कारण उन्हें शब्दों को याद रखने और वस्तुओं को पहचानने जैसे कामों में दिक्कत आई. रिसर्चर्स का मानना है कि ज्यादा देर बैठने से ब्रेन में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिससे दिमाग तक ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते. साथ ही, यह स्थिति इंफ्लेमेशन बढ़ाकर न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचा सकती है.
क्या है समाधान?विशेषज्ञों की सलाह है कि लंबे समय तक बैठे रहने से बचें. हर 30-45 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक लें, चलें या हल्के स्ट्रेच करें. फोन पर बात करते वक्त खड़े हो जाएं या ईमेल पढ़ते समय टहलें. ये छोटे बदलाव दिमाग की सेहत को लंबे समय तक बचाए रख सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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