Uttar Pradesh

Once upon a time, these flowers were in need of every little thing, their fate has changed – News18 हिंदी



रिपोर्ट-सौरभ वर्मारायबरेली. अयोध्या और रामलला की खबरों के बीच बात उन किसानों की जिनकी मेहनत से रामलला की नगरी महक रही है. रायबरेली के किसानों के फूल से अयोध्या सज रहा है. ये सब संभव हुआ किसानों की मेहनत से. जो किसान कल तक रोजगार के लिए परेशान थे वो आज खुशी से मुस्कुरा रहे हैं.

रायबरेली जनपद के किसानों की जिंदगी का एक फैसला उनकी किस्मत बदल गया. हर साल खेती में नुकसान झेल रहे किसानों ने बड़ा फैसला लिया. अपनी परंपरागत खेती छोड़ उन्होंने उद्यानिकी की ओर रुख कर लिया. किसान धान, गेहूं की जगह अब फूलों की खेती कर रहे हैं और परंपरागत खेती से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं.

रामफेर की किस्मत फिरीरायबरेली के किसान रामफेर मौर्य अब शान और तसल्ली से मुस्कुरा रहे हैं. वो परंपरागत खेती से ज्यादा फूलों की खेती में मुनाफा कमा रहे हैं. रामफेर शुरुआत से परंपरागत खेती कर रहे थे. लेकिन उसमें उन्हें उतना मुनाफा नहीं हो रहा था. जितना वह उद्यानिकी खेती यानी की फूलों की खेती में कमा रहे हैं. अब वो लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं. इसमें 40 से 50 हजार लागत के साथ ही वह 2 से 3 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर लेते हैं.

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कम लागत में ज्यादा मुनाफारायबरेली के गुमावा गांव के रहने वाले किसान रामफेर मौर्य बताते हैं वह शुरुआत से परंपरागत खेती कर रहे थे लेकिन वह उन्हें रास नहीं आयी. इसलिए उसे छोड़ उन्होंने उद्यानिकी की खेती शुरू कर दी. अब वह लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं. रामफेर मौर्य बताते हैं कि यह खेती बेहद मुनाफे वाली है इसमें लागत भी काम आती है और कमाई अच्छी हो जाती है. वह बताते हैं कि इस समय अयोध्या के बाजारों में फूलों की मांग ज्यादा है. इसलिए वहां ज्यादा से ज्यादा गुलाब के फूलों को अयोध्या बिक्री के लिए भेजते हैं.

रायबरेली से लेकर अयोध्या तककिसान का कहना है उनके खेत में उगाए गए गुलाब के फूल और उससे बनाए गए प्रोडक्ट्स की मांग मार्केट में धीरे- धीरे बढ़ रही है. वो अपने खेत में खाद के रूप में हमेशा गोबर का ही इस्तेमाल करते हैं. खेतों में तैयार गुलाब के फूलों को वह रायबरेली के बाजारों से लेकर अयोध्या तक के बाजार में बिक्री के लिए भेजते हैं. वहां से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाता है.
.Tags: Farming in India, Local18, Rae Bareli City NewsFIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 23:15 IST



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