Last Updated:December 20, 2025, 03:04 ISTहरिद्वार की हर की पैड़ी पर तीन दिन तक आयोजित गीता सत्संग के माध्यम से पुंडरीक गोस्वामी महाराज पहले वैष्णवाचार्य बने. देश के अनेक प्रतिष्ठित संत-मोरारी बापू, रमेश भाई ओझा, अवधेशानंद महाराज, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी रामदेव और श्रीश्री रविशंकर-उनसे कथा सुन चुके हैं.पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की है.वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज की पहचान आज उन संतों में होती है, जिन्होंने परंपरा के भीतर रहते हुए इतिहास रचा है. वृंदावन स्थित राधारमण मंदिर के 38वें आचार्य के रूप में उन्होंने वैष्णव परंपरा को कई ऐतिहासिक उपलब्धियां दिलाई हैं. वे देश के पहले ऐसे व्यास हैं जिन्होंने उपराष्ट्रपति भवन में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया. यह आयोजन भारतीय अध्यात्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. इसके बाद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रांगण में पहली भागवत कथा कर उन्होंने सांस्कृतिक पुनर्जागरण को नई दिशा दी.
हरिद्वार की हर की पैड़ी पर तीन दिन तक आयोजित गीता सत्संग के माध्यम से वे पहले वैष्णवाचार्य बने, जिन्होंने इस पवित्र स्थल से राष्ट्र को गीता और गंगा की महिमा से जोड़ा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उनकी उपस्थिति ने वैष्णव परंपरा की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया. मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रांगण में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन उन्होंने बिना किसी शुल्क के किया और सभी व्यवस्थाएं स्वयं संभालीं. कोलकाता में बिरला परिवार और उद्योग जगत से जुड़े प्रमुख लोगों के बीच कथा आयोजन उनकी व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाता है.
देश के अनेक प्रतिष्ठित संत-मोरारी बापू, रमेश भाई ओझा, अवधेशानंद महाराज, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी रामदेव और श्रीश्री रविशंकर-उनसे कथा सुन चुके हैं. मोरारी बापू द्वारा प्रदान किया गया तुलसी अवार्ड उनकी आध्यात्मिक उपलब्धियों की औपचारिक पहचान है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बागेश्वर धाम में पहली बार हनुमान कथा का आयोजन और उत्तर-दक्षिण वैष्णव संप्रदायों को जोड़ने वाले ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका उनकी सक्रियता को दर्शाती है. ऑक्सफोर्ड से अध्ययन, धर्मशास्त्र में विशेषज्ञता और डॉक्टरेट की उपाधि के साथ पुंडरीक गोस्वामी महाराज आज वैश्विक मंच पर भारतीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख प्रतिनिधि बन चुके हैं.
About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ेंLocation :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :December 19, 2025, 13:00 ISThomeuttar-pradeshऑक्सफोर्ड से स्टडी, डॉक्टरेट की उपाधि… कौन हैं पुंडरीक गोस्वामी महाराज?

