Health

वजन बढ़ने से आम दिमागी कमजोरी के एक प्रकार में तेजी से वृद्धि का संबंध पाया गया, एक नए अध्ययन से पता चला है।

न्यूयॉर्क: एक शोध में पाया गया है कि अल्जाइमर रोग और शरीर का वजन के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी मेडिसिन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्जाइमर के रक्त संकेतक वजन वाले लोगों में 95% तेजी से बढ़ गए थे, जबकि नॉन-ओबीज लोगों में नहीं।

इस शोध में 407 प्रतिभागियों के पांच साल के डेटा का विश्लेषण किया गया था, जिसमें पीईटी स्कैन (मेडिकल इमेजिंग) और रक्त नमूने शामिल थे। शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर के रक्त संकेतकों और शरीर के द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) के बीच संबंध का मूल्यांकन किया।

जब प्रतिभागियों को पहली बार मापा गया था, तो उच्च बीएमआई अल्जाइमर के रक्त संकेतकों के साथ जुड़ा था, क्योंकि लोगों के शरीर का वजन अधिक होने पर रक्त का प्रवाह अधिक होता है। लेकिन जब शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को लंबे समय तक देखा, तो उन्होंने पाया कि वजन वाले लोगों ने अल्जाइमर रोग के बोझ को अधिक विकसित किया था जो वजनहीन लोगों की तुलना में था।

शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्जाइमर के रक्त संकेतक वजन वाले लोगों में 95% तेजी से बढ़ गए थे, जबकि नॉन-ओबीज लोगों में नहीं। उन्होंने पाया कि पीईटी स्कैन के परिणामों के साथ अल्जाइमर के रक्त संकेतकों की तुलना करने पर, उन्होंने देखा कि मस्तिष्क में अमाइलोइड प्लेक का निर्माण हो रहा था, जो अल्जाइमर के सबसे आम प्रकार के दिमागी कमजोरी का एक केंद्रीय लक्षण है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका शोध दिखाता है कि पांच साल के दौरान, वजन एक स्थिर वृद्धि के साथ अल्जाइमर से संबंधित पैथोलॉजी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि रक्त संकेतक कितनी संवेदनशील थे और इस संबंध को पकड़ने में सक्षम थे।

शोधकर्ताओं ने कहा कि अल्जाइमर की प्रगति शरीर के पूरे में होने वाली पैथोलॉजी द्वारा प्रभावित होती है, जैसे कि वजन। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क की सेहत को बनाए रखने के लिए शरीर की सेहत को अनुकूल बनाना महत्वपूर्ण है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका शोध भविष्य के शोध के लिए प्रेरणा देता है कि क्या ओजेम्पिक जैसे जीएलप-1 दवाओं का उपयोग अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि उनका शोध यह भी दिखाता है कि वजन कम करने से अल्जाइमर रोग के लक्षणों को धीमा करने में मदद मिल सकती है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका शोध कुछ सीमाएं हैं, जैसे कि यह शोध केवल विशिष्ट प्रतिभागियों पर आधारित है, और यह शोध केवल विशिष्ट प्रतिभागियों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भविष्य के शोध में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वजन के प्रकार को अलग-अलग तरीके से मापा जाए, न कि वजन को एक ही श्रेणी में रखा जाए।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका शोध अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करने के लिए वजन कम करने के महत्व को दिखाता है। उन्होंने कहा कि उनका शोध भविष्य के शोध के लिए प्रेरणा देता है कि क्या वजन कम करने से अल्जाइमर रोग के लक्षणों को धीमा करने में मदद मिल सकती है।

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