OBC dalit or brahmin and one deputy cm who is leading up bjp president race strategy to dismantle akhilesh yadav pda formula: ओबीसी, दलित या फिर ब्राह्मण, यूपी बीजेपी अध्यक्ष के रेस में एक डिप्टी CM का भी नाम, अखिलेश के PDA की काट खोज रही पार्टी

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Last Updated:July 03, 2025, 10:43 ISTUP BJP President Election: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी की वजह से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच चर्चा है कि बीजेपी अपने नए अध्यक्ष के चुनाव से एक तीर से कई निशाना साधना चाह रह…और पढ़ेंUP Politics: यूपी में बीजेपी अध्यक्ष चुनाव की आ गई डेट हाइलाइट्सराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद यूपी बीजेपी को मिल सकता है नया अध्यक्षतीसरे चरण में यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का हो सकता है चुनावसंगठन की तरफ से नामों के पैनल को केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गयालखनऊ. आखिर बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष के चयन में देरी क्यों हो रही है? क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चयन होगा या तीसरे चरण में इसकी तैयारी की जा रही है? यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन में देरी के पीछे क्या रणनीति है? यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और यूपी मंत्रिमंडल की कड़ियां कैसे जुड़ी हुई हैं? यह सवाल यूपी के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं.  हर कोई इन सवालों के जवाब जानना चाहता है.

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व लगातार मंथन कर रहा है. दो महीने पहले ही केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी के बड़े नेताओं से चर्चा कर नामों का पैनल मंगवाया था. पार्टी का एक धड़ा मानता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाए. दरअसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए बीजेपी के 37 संगठनात्मक राज्यों में से 19 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना चाहिए. पिछले साल पार्टी के आंतरिक चुनाव शुरू होने के बाद से अब तक 22 राज्यों में संगठनात्मक प्रमुखों का चुनाव हो चुका है. इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक औपचारिकता भी पूरी हो गई है. ऐसे में यूपी में प्रदेश अध्यक्ष का चयन फिलहाल नहीं होने से राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

तीसरे चरण यूपी प्रदेश अध्यक्ष का हो सकता है चुनाव

बीजेपी संगठन निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों के अनुसार, तीसरे चरण में यूपी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पार्टी आलाकमान से मंजूरी लेना बाकी है. कहा तो यह भी जा रहा है कि एक डिप्टी सीएम का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की चर्चा में है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश अध्यक्ष के चयन को आगे-पीछे करने के पक्ष में पार्टी का एक धड़ा है.

प्रदेश अध्यक्ष को लेकर ये नाम चर्चा में हैं

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े दो महीने पहले यूपी दौरे पर आए थे. तावड़े ने यूपी में दो दिन रहकर सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम, वरिष्ठ मंत्रियों और पार्टी के मौजूदा और पूर्व पदाधिकारियों से प्रदेश अध्यक्ष के नामों और मंत्रिमंडल के नामों पर चर्चा की थी. सूत्रों के अनुसार, तावड़े ने यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के नामों का पैनल पार्टी आलाकमान को दे दिया था.

OBC चेहरे के तौर पर ये नाम रेस में

ओबीसी चेहरे के रूप में सबसे तेज रेस में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह का नाम है. धर्मपाल सिंह लोधी बिरादरी से आते हैं, जो ओबीसी में बीजेपी का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है. यूपी की लगभग 150 विधानसभा सीटों पर ओबीसी जाति निर्णायक रहती है. धर्मपाल सिंह लोधी जाति के होने के साथ ही आरएसएस और बीजेपी कैडर के हैं. जब कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़ी थी, तब धर्मपाल सिंह बीजेपी के साथ मजबूती से खड़े नजर आए थे. ओबीसी चेहरे के रूप में एक अन्य नाम धौरहरा से पूर्व सांसद और बीजेपी की मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा का है. रेखा वर्मा केंद्रीय नेतृत्व की करीबी हैं और कुर्मी बिरादरी से आती हैं. वे तेजतर्रार महिला नेता हैं और उत्तराखंड की सह प्रभारी भी हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा का नाम पिछली बार प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे था, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने भूपेंद्र चौधरी को अध्यक्ष बनाया था. इस बार भी बीएल वर्मा का नाम रेस में सबसे आगे है. बीएल वर्मा लोधी बिरादरी से आते हैं और कल्याण सिंह के करीबी रहे हैं. ओबीसी चेहरे के रूप में साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी रेस में है. साध्वी निरंजन ज्योति विश्व हिंदू परिषद से लेकर भारतीय जनता पार्टी की फतेहपुर से सांसद भी रही हैं और पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं.

ये नाम भी चर्चा में

वहीं, भाजपा संगठन के बड़े चेहरे और मौजूदा राज्यसभा सांसद बाबू राम निषाद का भी नाम चर्चा में है. ब्राह्मण चेहरे के रूप में सबसे ज्यादा चर्चा हरीश द्विवेदी, डॉक्टर महेश शर्मा, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा और डॉ दिनेश शर्मा के नाम की है. वहीं, कन्नौज से पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. दलित चेहरे के रूप में कांता कर्दम, विद्यासागर सोनकर और रामशंकर कठेरिया के नाम की चर्चाएं तेज हैं.Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताPrincipal Correspondent, LucknowPrincipal Correspondent, Lucknow Location :Lucknow,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshUP अध्यक्ष चुनाव से बीजेपी खोज रही अखिलेश के PDA की काट? जानिए पूरी प्लानिंग

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