सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. शारदीय नवरात्रि शुरू होने वाली है. नवरात्रि के आरंभ होते ही जगत जननी को प्रसन्न करने के लिए भक्त हवन, चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. मान्यता है कि जो भक्त नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है.

हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान तमाम सनातनियों के यहां दुर्गा सप्तशती का पाठ होता है. कुछ लोग इसके लिए वेदपाठी ब्राह्मणों को आमंत्रित करते हैं तो वहीं अधिकतर घरों में महिला व पुरुष स्वयं सप्तशती का पाठ करते हैं. अयोध्या की विद्वान पवन दास शास्त्री के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की आराधना की जाती है. साथ ही 9 दिनों भक्त तक दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करते हैं, लेकिन इसके कई नियम हैं.

जान लें दुर्गा सप्तशती पाठ करने के नियम

नवरात्रि के प्रथम दिन ही दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें. पाठ करने के दौरान पुस्तक को लाल कपड़े में रखें.

एक दिन में ही दुर्गा सप्तशती के सभी 13 पाठ पूरे करने का विधान है. यदि समय की कमी के कारण न कर पाएं तो नौ दिनों में भी पूरे 13 पाठ पूरे किए जा सकते हैं.

किसी भी अध्याय का पाठ करते समय बीच में न उठे. अध्याय को पूरा करें, तब उठें.

यदि नवरात्रि के प्रत्येक दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो पहली बार में चतुर्थ अध्याय पूरा करने के बाद ही उठें. फिर पुन: हाथ-पांव धोकर अध्याय आगे बढ़ाएं.

पाठ के दौरान गति न ही बहुत तेज हो और न ही धीमी हो. शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और लय में होना चाहिए.

दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए, फिर माता रानी को ध्यान में रखते हुए पाठ आरंभ करना चाहिए.

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले को मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन किसी भी हाल में नहीं करना चाहिए.

मान्यता के मुताबिक, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी तरह के अधूरे फल की प्राप्ति होती है.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
.Tags: Ayodhya News, Local18, Navratri, Religion 18FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 22:09 IST



Source link