नवंबर में शनि समेत पांच ग्रह अपनी चाल बदलेंगे, जिनमें से दो ग्रह वक्री होंगे. ग्रहों के इन बदलावों का असर राजनीति, व्यापार, मौसम और सीमाओं की स्थिति पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है. सवाल यह है कि क्या इन ग्रह गोचरों से राजनीति में हलचल बढ़ेगी या सीमाओं पर तनाव गहराएगा?
ज्योतिष गणना के अनुसार एक निश्चित अवधि पूरा करने के बाद जब ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो उसका प्रभाव मानव जीवन के साथ सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक तौर पर रहता है. नवंबर का महीना शुरू हो गया है, और इस महीने में कई बड़े ग्रहों का गोचर होने जा रहा है, जिसका प्रभाव देश-दुनिया पर भी देखने को मिलेगा. अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ग्रहों की दृष्टि से नवंबर का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस महीने शनि, शुक्र, बुध, सूर्य और गुरु अपनी चाल और स्थिति में बदलाव करने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव कुछ राशियों के लिए अच्छा होने जा रहा है, लेकिन उनको सावधान रहने की आवश्यकता है.
नवंबर का महीना ग्रहों के बदलाव से भरा रहेगा. इस दौरान कई प्रमुख ग्रह अपनी स्थिति बदलेंगे, जिससे व्यक्ति के विचारों, समाज और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर असर देखने को मिलेगा. 2 नवंबर को शुक्र ग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 26 नवंबर को वृश्चिक राशि में चले जाएंगे. 10 नवंबर को बुध ग्रह वक्री होंगे, इसके बाद 23 नवंबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 29 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे। 11 नवंबर को गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री होंगे, जबकि 28 नवंबर को शनि देव मार्गी हो जाएंगे. वहीं 16 नवंबर को सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे.
इन सभी ग्रहों के परिवर्तन से लोगों के विचारों में अस्थिरता, समाज में हलचल और कुछ लोगों के जीवन में मानसिक तथा आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं. हालांकि, ग्रहों की स्थिति यह संकेत भी दे रही है कि इस अवधि में प्राकृतिक आपदाओं और वायुयान दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी. इसके साथ ही सीमाओं पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सतर्कता की आवश्यकता रहेगी.
नवंबर महीने में ग्रह गोचर के संभावित अशुभ प्रभावों से बचने के लिए श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-पाठ करना अत्यंत लाभकारी रहेगा. इस दौरान हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और भय से मुक्ति मिलेगी. महामृत्युंजय मंत्र का जाप स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से रक्षा करेगा, वहीं दुर्गा सप्तशती के पाठ से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होगा और आत्मबल बढ़ेगा.

