Cricket Success Story: क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक गेंदबाज हुए हैं. माइकल होल्डिंग से लेकर वसीम अकरम, अनिल कुंबले, शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन तक ने अपना नाम इस खेल में बनाया. क्रिकेट कभी इन्हें कभी दुख दिया तो कभी चेहरे पर खुशियां दीं. कुछ ऐसा ही श्रीलंका के एक तेज गेंदबाज के साथ हुआ है. वह 2011 में वर्ल्ड कप फाइनल में हारने वाली टीम का मुख्य तेज गेंदबाज था. इसके बाद 2014 में जब उसकी टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीता तो वह उस समय भी मुख्य तेज गेंदबाज ही था.
इस तरह श्रीलंका के लिए किया डेब्यू
हम बात कर रहे हैं श्रीलंका के अनुशासित गेंदबाज नुवान कुलशेखरा की. श्रीलंका के एक छोटे से शहर निट्टंबुवा में 22 जुलाई 1982 को जन्मे नुवान कुलशेखरा ने 21 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू किया. दुबले-पतले इस गेंदबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में 9 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें महज 19 रन देकर 2 शिकार किए. कुलशेखरा अपने डेब्यू वनडे मैच में ही छाप छोड़ चुके थे, लेकिन टेस्ट फॉर्मेट के लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ गया. उन्होंने अप्रैल 2005 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेला. साल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 133 गेंदों में 63 रन की पारी खेली. यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ.
चामिंडा वास की जगह ली
अप्रैल 2008 से 12 महीनों के भीतर 29 मैचों में 20.97 की औसत से 47 विकेट लिए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 28 और इकॉनमी रेट 4.45 रहा. लंबे रन-अप के साथ गेंदबाजी करने वाले कुलशेखरा गेंद को स्विंग कराने में उस्ताद थे. साल 2009 में वह गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गए. चामिंडा वास के संन्यास के बाद कुलशेखरा को वनडे फॉर्मेट में भरपूर मौका मिला. इस बीच लसिथ मलिंगा का प्रदर्शन भी खराब था. ऐसे में कुलशेखरा टीम के अहम गेंदबाज बन गए.
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धोनी से खाया था ऐतिहासिक छक्का
कुलशेखरा साल 2009 की प्रतिष्ठित आईसीसी विश्व वनडे टीम में शामिल हुए. कुलशेखरा ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में महेला जयवर्धने के साथ 66 रन की साझेदारी करते हुए टीम को 274 के स्कोर तक पहुंचाया, लेकिन टीम को खिताब जीतने का मौका नहीं मिला. फाइनल मैच में भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनकी गेंद पर ही छक्का मारकर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया था. कुलशेखरा के जीवन में यह एक बड़ा जख्म था.
युवराज को बनाया था विलेन
इस श्रीलंकाई गेंदबाज को जल्द ही भारत से बदला लेने का मौका मिल गया. उन्होंने 2014 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत के दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह के सामने एक के बाद एक लगातार यॉर्कर फेंके. विराट कोहली भी उनकी गेंदों को नहीं खेल पाए और भारत मैच हार गया. युवराज सिंह 2011 में वर्ल्ड कप जीत हीरो थे और तीन साल बाद ही वह टी20 वर्ल्ड कप में हार के बाद वीलेन बन गए.
ऐसे खत्म हुआ कुलशेखरा का करियर
2011 में चेन्नई सुपर किंग्स ने कुलशेखरा को 6.5 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा. इसके बाद कुलशेखरा ने चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में अपनी चमक बिखेरी, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ नुवान कुलशेखरा की गति अब पहले जैसी नहीं रही थी. वहीं, साल 2016 में उनकी कार से एक शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें कुछ वक्त के लिए पुलिस हिरासत में रहना पड़ा था. हालांकि, बाद में कुलशेखरा को जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसके बाद कुलशेखरा ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में वापसी की, लेकिन साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया.
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FAQ:
1. नुवान कुलशेखरा ने श्रीलंका के लिए कब डेब्यू किया?
उत्तर- नुवान कुलशेखरा ने श्रीलंका के लिए 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला वनडे, 2008 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट और 2008 में ही पाकिस्तान के खिलाफ पहला टी20 मैच खेला था.
2. नुवान कुलशेखरा ने अपने क्रिकेट करियर में श्रीलंका के लिए कितने विकेट लिए.
उत्तर- नुवान कुलशेखरा ने अपने करियर में 21 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 48 विकेट लेने के अलावा 391 रन बनाए. 184 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 199 विकेट लेने के साथ 1327 रन भी अपने नाम किए.58 टी20 मुकाबलों में कुलशेखरा ने 66 विकेट चटकाने के अलावा 215 रन भी बनाए.
3. श्रीलंका की टीम टी20 वर्ल्ड कप कब जीती थी?
उत्तर- श्रीलंका की टीम 2014 में भारत को हराकर टी20 वर्ल्ड कप खिताब को पहली बार जीता था.
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