Now your breath will tell you everything about your health know more about this unique study | बिना खून, बिना स्कैन… अब आपकी सांस से ही चलेगा सेहत का पूरा हाल! जानिए इस अनोखे अध्ययन के बारे में

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Now your breath will tell you everything about your health know more about this unique study | बिना खून, बिना स्कैन... अब आपकी सांस से ही चलेगा सेहत का पूरा हाल! जानिए इस अनोखे अध्ययन के बारे में



अब तक आप अपनी पहचान के लिए फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन का इस्तेमाल करते रहे होंगे, लेकिन अब एक नई खोज से सामने आया है कि आपकी नाक से ली जाने वाली सांस भी आपकी यूनिक पहचान बन सकती है. इतना ही नहीं, आपकी यही ब्रीथ पैटर्न आपकी मानसिक स्थिति, वजन और यहां तक कि नींद की क्वॉलिटी तक के बारे में बता सकती है.
इजराइल के वाइजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है, जिसे ‘नैजल रेस्पिरेटरी सिग्नेचर’ नाम दिया गया है. यह सांस लेने का एक ऐसा पैटर्न है जो हर व्यक्ति में अलग होता है बिल्कुल फिंगरप्रिंट की तरह! यह पैटर्न समय के साथ स्थिर बना रहता है और इसे एक खास वियरेबल डिवाइस की मदद से रिकॉर्ड किया गया.
‘नैसल होल्टर’: सांस की निगरानी करने वाला अनोखा डिवाइसवैज्ञानिकों ने 22 ग्राम का एक छोटा-सा डिवाइस ‘Nasal Holter’ बनाया है, जिसे नाक के दोनों छिद्रों पर लगाकर 24 घंटे तक सांस की निगरानी की गई. यह डिवाइस 100 प्रतिभागियों पर लगाया गया और उनके सांस लेने के 24 अलग-अलग पैरामीटर्स को रिकॉर्ड किया गया. इसमें इनहेल की मात्रा, रफ्तार और दोनों नथुनों से गुजरने वाली हवा की प्रक्रिया शामिल थी.
96.8% तक सटीक पहचानइस अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ नाक से सांस लेने के पैटर्न के आधार पर व्यक्ति की पहचान 96.8% सटीकता के साथ की जा सकती है. यह आंकड़ा वॉयस रिकग्निशन जैसी तकनीकों के बराबर है.
सेहत से जुड़े बड़े खुलासेइस तकनीक से न केवल पहचान की पुष्टि होती है, बल्कि व्यक्ति के शरीर के BMI (बॉडी मास इंडेक्स), डिप्रेशन, एंग्जायटी और ऑटिज्म से जुड़े व्यवहार तक का अंदाजा भी लगाया जा सकता है. जैसे कि नींद के दौरान जो लोग चिंतित होते हैं, वे छोटे-छोटे सांस लेते हैं. वहीं, डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में दिन में सांस लेने का पैटर्न अलग पाया गया.
प्राइवेसी की चिंता भीहालांकि यह तकनीक बेहद रोचक है, लेकिन इसके साथ प्राइवेसी से जुड़े खतरे भी सामने आ सकते हैं. अभी यह डिवाइस सीधे शरीर से जुड़कर काम करता है, लेकिन भविष्य में यदि कोई दूर से आपकी सांसों का विश्लेषण कर ले तो यह हेल्थ सर्विलांस का नया विषय बन सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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