नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) को सभी स्लम क्षेत्रों में एक सर्वे करने का निर्देश दिया है, जिससे ऐसे परिवारों की पहचान हो सके जो अभी भी पारंपरिक चूल्हों या कोयले से जलने वाले हीटर का उपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उज्ज्वला योजना के लाभ ऐसे परिवारों को दिए जाएंगे जिससे उन्हें स्वच्छ ईंधन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के टीमें पहले से ही जमीन पर हैं, प्रदूषण के स्रोतों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं और स्वच्छता के लिए लक्षित उपायों को लागू कर रही हैं। सर्वे के आधार पर सरकार ऐसे परिवारों की सूची तैयार करेगी जो अभी भी पारंपरिक ईंधन का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें उज्ज्वला गैस कनेक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करना केवल उद्योगों या वाहनों के क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह घरेलू स्तर पर भी होना चाहिए। स्लम क्षेत्रों में चूल्हों और कोयले से जलने वाले हीटर से निकलने वाला धुआं न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ावा देता है, बल्कि इसके कारण निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी होते हैं।
Chhattisgarh family forced to ‘reconvert’ to Hinduism after locals oppose alleged Christian burial
RAIPUR: A deceased woman’s family was forced to ‘reconvert’ to Hinduism after locals objected to her burial allegedly…

