Now broom cultivation can be done in Saharanpur too, there is no need of medicine or water – Uttar Pradesh News

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Last Updated:July 14, 2025, 00:04 ISTझाड़ू को ‘सफाई’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसका भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इसे न केवल एक सफाई उपकरण माना जाता है, बल्कि इसे समृद्धि और देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है.सहारनपुर. अक्सर आप अपने जब घरों की सफाई करते हैं तो उसमें सबसे हम रोल झाड़ू का रहता है क्योंकि झाड़ू के बिना घर की सफाई नहीं की जा सकती. झाड़ू जिसे आमतौर पर ‘सफाई’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, का भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. इसे न केवल एक सफाई उपकरण माना जाता है, बल्कि इसे समृद्धि और देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. हिंदू धर्म के लोग अपने त्योहारों पर झाड़ू की पूजा करते हैं. झाड़ू की खेती मुख्य रूप से भारत के कुछ राज्यों में की जाती है, जिनमें असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं. विशेष रूप से, असम के कार्बी आंगलोंग जिले को झाड़ू का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश के पश्चिम में भी झाड़ू की खेती आसानी से की जा सकती है. सहारनपुर के प्रकृति कुंज में असम से झाड़ू का पेड़ मंगाकर लगाया गया था और आज झाड़ू के पेड़ से अनेकों पेड़ तैयार कर किसानों को देने की तैयारी की जा रही है. जिससे कि यहां के किसान भी झाड़ू की खेती कर एक अच्छा लाभ कमा सके. झाड़ू की खेती में किसी प्रकार के खाद पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह हर मौसम में हो जाती है.

कैसे करें पेड़ तैयार

प्रकृति कुंज से आचार्य राजेंद्र अटल ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि हमारे द्वारा शाकंभरी विश्वविद्यालय के साथ में मिलकर पेड़ पौधों पर प्रयोग शुरू किया है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे जो झाड़ू घर की सफाई करने के लिए असम से आई थी झाड़ू की महिमा परंपरा है जो की लक्ष्मी का रूप है आज भी महिलाएं घर में झाड़ू का पूरा सम्मान करती है हिंदू धर्म के लोग अपने त्योहारों में झाड़ू की पूजा भी करते हैं. उन्होंने असम से झाड़ू के पौधे को मंगाया और उससे पौधे तैयार किए और आज फूल झाड़ू के रूप में कितने खूबसूरत यह पौधे दिखाई देते हैं. झाड़ू का यह पौधा लक्ष्मी जी का प्रतीक होने के कारण प्रकृति कुंज के द्वार पर दोनों और लगाएं है.

झाड़ू के पौधों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से उनके यहां पर आते हैं और उन्होंने अब झाड़ू के इस पौधे से अन्य पौधे तैयार किए हैं जिससे कि यहां के किसान भी अगर इस झाड़ू की खेती करें तो एक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. झाड़ू की खेती करने में किसी तरह की खाद पानी की आवश्यकता नहीं होती. इस झाड़ू के पौधे पर किसी मौसम की मार नही पड़ती है गर्मी, बरसात, सर्दी में आसानी से इसकी खेती हो जाती है.Location :Saharanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureअब सहारनपुर में भी की जाएगी झाड़ू की खेती, न पानी की जरूरत, न दवा की

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