नई दिल्ली: टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन में खिताब के बचाव का मौका गंवा दिया क्योंकि अदालत ने उन्हें निर्वासित करने का फैसला बरकरार रखा. सबसे पहले जोकोविच केस जीत गए थे और खेलने की इजाजत दे दी गई थी. लेकिन इसके बाद फिर से कोर्ट ने उनका वीजा रद्द कर दिया है. जिसके बाद अब कोर्ट ने फैसला किया है कि सरकार के वीजा रद्द के फैसले को बरकरार रखा.
सरकार का फैसला बरकरार
फेडरल कोर्ट के तीन जजों ने सर्बिया के 34 वर्षीय खिलाड़ी के वीजा को जनहित के आधार पर रद्द करने के आव्रजन मंत्री के शुक्रवार को लिये गये फैसले को बरकरार रखा. जोकोविच ने कोविड-19 के लिए टीकाकरण नहीं करवाया है और इस फैसले का मतलब है कि जब तक उन्हें निर्वासित नहीं किया जाता, तब तक वह मेलबर्न में नजरबंद रहेंगे. आमतौर पर निर्वासन के आदेश का मतलब व्यक्ति तीन साल तक वापस आस्ट्रेलिया नहीं लौट सकता है.
वीजा हुआ रद्द
मंत्री ने इस आधार पर वीजा रद्द कर दिया कि आस्ट्रेलिया में जोकोविच की उपस्थिति ऑस्ट्रेलियाई जनता के स्वास्थ्य और ‘अच्छे आदेश’ के लिये जोखिम भरा हो सकता है तथा इससे ऑस्ट्रेलिया में अन्य लोगों द्वारा टीकाकरण के प्रयासों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. जोकोविच का वीजा पहले छह जनवरी को मेलबर्न पहुंचने पर रद्द कर दिया गया था. सीमा अधिकारी ने इस आधार पर जोकोविच का वीजा रद्द कर दिया था कि उन्हें टीकाकरण के बिना आने वाले आगंतुकों के लिए ऑस्ट्रेलिया के नियमों अनुसार चिकित्सा छूट नहीं मिली है.
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