Not just less than 7 but even 9 hours of sleep may lead to early death study creates fear | कम नींद ही नहीं, 9 घंटे की स्लीप से भी जल्दी मौत आने का खतरा, स्टडी ने पैदा किया खौफ

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Not just less than 7 but even 9 hours of sleep may lead to early death study creates fear | कम नींद ही नहीं, 9 घंटे की स्लीप से भी जल्दी मौत आने का खतरा, स्टडी ने पैदा किया खौफ



Risk Of Sleeping Over 9 Hours: हम सभी को अपनी जिंदगी में ऐसी सिचुएशन का सामना करना पड़ता है, जब हम बहुत देर तक जागते हैं, या सुबह सवेरे बेड छोड़ते हैं और रही सही कसर वीकेंड में भरपूर नींद लेकर पीरे करते हैं. एक हाल की स्टडी कहती है कि आप जितने घंटे सोते हैं, उसके सिर्फ मदहोशी से नींद में जागने से ज्यादा गंभीर नतीजे हो सकते हैं. दरअसल, कम और ज्यादा दोनों तरह की नींद के ड्यूरेशन को अब अर्ली डेथ के ज्यादा रिस्क से जोड़ा गया है. जिस चीज को हम इतना नॉर्मल मानते हैं, वही नींद शायद जिंदगी की सबसे ताकतवर दवाओं में से एक हो सकती है.
नींद को लेकर हुई अहम रिसर्चएक वक्त था जब देर रात तक जागना तकरीबन जंग जीतने जैसा माना जाता था, देर रात तक काम करना, जरूरी प्रोजेक्ट को पूरा करना, बच्चे को सुलाना. और दूसरी तरफ, देर तक सोना लग्जरी या आलस्य के रूप में देखा जाता था, ये इस बात पर निर्भर करता था कि आप किससे पूछ रहे थे. लेकिन अब, रिसर्चर्स ने दशकों और देशों के 79 कोहोर्ट स्टडीज से मिली फाइंडिंग्स को एक साथ कनेक्ट किया है, और नतीजे चौंकाने वाले हैं.
9 घंटे से ज्यादा सोने के खतरेPubMed में छपे एक रिव्यू के मुताबिक, जो एडल्ट्स नियमित रूप से हर रात 7 घंटे से कम सोते थे, उनमें रेकोमेंडेड 7 से 8 घंटे सोने वालों की तुलना में मौत का 14% ज्यादा रिस्क पाया गया. और जो लोग हर रात 9 घंटे या उससे ज्यादा सोते थे, उनमें जोखिम 34% तक बढ़ गया. दिलचस्प बात ये थी कि महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में लंबी नींद का ज्यादा असर देखा गया.
अच्छी नींद लेने के फायदेये देखते हुए कि आपके आराम का समय शरीर के अलग-अलग फंक्शंस को अफेक्ट करता है, अमेरिका स्लीप फाउंडेशन का सुझाव है कि नींद शरीर को आराम देने से कहीं ज्यादा करती है, ये मेमोरी, मूड, मेटाबॉलिज्म और दिल की सेहत को सपोर्ट करती है. नींद में कटौती से ब्लड शुगर लेव बिगड़ सकता है, इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और हार्ट पर प्रेशर पड़ सकता है.
हद से ज्यादा नींद लेने के नुकसानदूसरी तरफ, हद से ज्यादा नींद को सूजन और यहां तक कि शुरुआती कॉग्निटिव डिकलाइन से जोड़ा गया है. जबकि हर शरीर का अपना एक पैटर्न होता है, ज्यादातर हेल्दी एडल्ट्स को हर रात 7 से 9 घंटे की नींद की ज़रूरत होती है, और इससे भी जरूरी बात ये है कि रेगुलैरिटी होनी चाहिए. बहुत कम और बहुत ज्यादा नींद के बीच भटकना, खासकर वक्च के साथ, शरीर को कंफ्यूज करने वाले सिग्नल्स भेज सकता है.
क्वालिटी वाली नींद पाने के लिए क्या करें?
1. सोने और जागने का टाइम फिक्स करें : वीकेंड्स और हॉलीडे में भी, जागने और सोने का टाइम एक जैसा रखें, क्योंकि आपके शरीर को लय पसंद है.
2. लेट नाइट के गैजेट दूर रखें: पहले के टाइम में टीवी विलेन, अब फोन और लैपटॉप है, ये चीजें आपकी नींद की दुश्मन हैं. आरामदायक नींद के लिए सोने से एक घंटा पहले इनको बंद कर दें.
3. शाम को जल्दी खाएं और अच्छी नींद लें:  देर रात का भोजन करना और लेट नाइट की कॉफी आपके शरीर को अलर्ट रख सकती है जब उसे शांत होना चाहिए.
4. धूप अंदर आने दें: मॉर्निग वॉक या धूप वाली खिड़की के पास बैठना आपके इंटरनेल क्लॉक को रीसेट कर सकता है.
5. दोपहर की झपकी का ध्यान रखें: एक छोटी सी झपकी ठीक है, लेकिन बहुत लंबी होने पर आपको रात में सही तरह से नींद नहीं आएगी.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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